व्यापार
GST: जानिए क्या हुआ सस्ता और क्या हुआ आम जनता के लिए महंगा, चेक करें लिस्ट
Bhumika Sahu
30 Jun 2022 6:33 AM GMT
x
जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक संपन्न हो गई
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जयपुर, जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक संपन्न हो गई, करीब छह महीने बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के पहले दिन जहां कई प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई, वहीं आखिरी दिन राज्यों को जीएसटी मुआवजा बढ़ाने के प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं लिया गया। जीएसटी परिषद ने कुछ सामानों पर छूट को वापस लेने जबकि कुछ अन्य पर दरें बढ़ाये जाने का फैसला किया है। इससे अब डिब्बाबंद और लेबल-युक्त गेहूं आटा, पापड़, पनीर, दही और छाछ पर पांच प्रतिशत कर लगेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाताओं को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की यहां दो दिन की बैठक में विभिन्न समूहों के दरों को युक्तिसंगत बनाने के बारे में दिये गये सुझावों को स्वीकार कर लिया गया। इससे कर की दरों में बदलाव हुए हैं, कर दर में बदलाव 18 जुलाई से प्रभाव में आएंगे। हालांकि परिषद ने कसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर रिपोर्ट को मंत्री समूह (जीओएम) के पास फिर विचार के लिए भेज दिया है।
जीएसटी दर के बारे में और चर्चा गोवा के वित्त मंत्री कसीनो पर चाहते हैं, जिसके चलते ऐसे में 'ऑनलाइन गेमिंग' और घुड़दौड़ पर भी फिर से विचार किया जाएगा। 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने की मंत्री समूह ने तीनों पर सिफारिश की थी, जिसके बारे में रिपोर्ट 15 जुलाई तक तैयार हो जाने की उम्मीद है और अगस्त में परिषद की अगली बैठक में इसपर विचार किया जाएगा। छूट समाप्त करने का मतलब है कि डिब्बा या पैकेट बंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर अब पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
इसी क्रम में टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी की छूट जारी रहने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है लेकिन अभी इस पर किसी भी तरह का कोई कर नहीं लगता है। इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिये 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले कमरों (आईसीयू को छोड़कर) पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगा करेगा।
'प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक', धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और 'पेंसिल शार्पनर', एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं, वहीँ, सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि पहले 5 प्रतिशत कर लगता था। सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो इससे पहले 12 प्रतिशत पर वसूला जाता था।
रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा अवशिष्ट निकासी सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है जो इससे पहले 12 प्रतिशत हुआ करती थी। ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है लेकिन अब से इन पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी 18 प्रतिशत है। बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब 'इकनॉमी' श्रेणी तक सीमित होगी।
आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगा करेगा। वहीँ, बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा। इसके अलावा जीएसटी परिषद ने ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से की जाने वाली अंतर-राज्य आपूर्ति के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने का भी निर्णय किया है, जिसके चलते अब ऐसे आपूर्तिकर्ताओं का वस्तुओं और सेवाओं का कारोबार क्रमशः 40 लाख रुपये और 20 लाख रुपये से कम है तो उन्हें जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसे एक जनवरी 2023 से लागू होगा।
परिषद ने जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन के संदर्भ में राज्यों की तरफ से उठाये गये विभिन्न मुद्दों पर चर्चा और सीजीएसटी कानून में उपयुक्त संशोधन के लिये मंत्री समूह भी गठित करने का निर्णय किया है।
Next Story