जीएसटी विभाग ने छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दी, इस फॉर्म को भरने से मिली छूट
वित्त मंत्रालय ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वाले छोटे व्यापारियों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है। अब 2 करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाले छोटे करदाताओं को फॉर्म जीएसटीआर-9 दाखिल करने से छूट दी गई है। यह प्रपत्र वार्षिक रिपोर्ट के साथ दाखिल किया जाता है। क्या है जीएसटीआर-9 : गौरतलब है कि जीएसटीआर-9 वह रिटर्न …
वित्त मंत्रालय ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वाले छोटे व्यापारियों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है। अब 2 करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाले छोटे करदाताओं को फॉर्म जीएसटीआर-9 दाखिल करने से छूट दी गई है। यह प्रपत्र वार्षिक रिपोर्ट के साथ दाखिल किया जाता है।
क्या है जीएसटीआर-9 : गौरतलब है कि जीएसटीआर-9 वह रिटर्न फार्म है, जो जीएसटी सिस्टम में पंजीकृत कारोबारियों को हर साल के अंत में भरना पड़ता है। कारोबारी ने अपने सालभर के व्यापार के दौरान जो मासिक या तिमाही रिटर्न (जीएसटीआर-1,2,3,4 और 8) भरे होते हैं, उन सभी जानकारियों का इकट्ठा विवरण इसमें दर्ज करना होता है।
कंपोजिशन स्कीम, ई कॉमर्स ऑपरेटर्स को भी यह रिटर्न भरना अनिवार्य है। इस फॉर्म के प्रत्येक भाग में भरी गई जानकारियों को पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट से सत्यापन कराना होता था, लेकिन बाद में सरकार ने कारोबारियों को ही खुद सत्यापन करने की छूट दी थी। अब अब सरकार ने कारोबारियों को इस फॉर्म को भरने से राहत दे दी है।
65 फीसदी बढ़े जीएसटी दाखिल करने वाले: देश में जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में पिछले पांच वर्षों में 65 फीसदी का इजाफा हुआ है। अप्रैल 2023 तक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 1.13 करोड़ हो गई। वहीं, जीएसटी के तहत पंजीकृत सक्रिय करदाताओं की संख्या बढ़कर 1.40 करोड़ हो गई है, जो अप्रैल 2018 में 1.06 करोड़ थी।
2017 में लागू हुआ था: एक जुलाई 2017 को राष्ट्रव्यापी जीएसटी लागू किया गया था। इसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट जैसे एक दर्जन से अधिक स्थानीय करों को शामिल किया गया था। इस साल नवंबर में मासिक जीएसटी संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा। चालू वित्त वर्ष में यह छठी बार है कि मासिक सकल जीएसटी संग्रह 1.60 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया।
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी बढ़ा: आयकर विभाग ने सोमवार को बताया कि 17 दिसंबर, 2023 तक 13,70,388 करोड़ रुपये के नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 6.95 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट कर (CIT) से मिले। व्यक्तिगत आयकर (PIT) की हिस्सेदारी 6.73 लाख करोड़ रुपये रही।
चालू वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बजट अनुमान के 75 प्रतिशत तक पहुंच गया है। चालू वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स से 18.23 लाख करोड़ रुपये जमा होने की उम्मीद है। इसमें व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर शामिल हैं।