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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन के जुलाई महीने के आंकड़े आ गए हैं और पिछले महीने के मुकाबले इसमें बढ़ोतरी हुई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में जीएसटी कलेक्शन (GST Collection in June 2022) पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 28 फीसदी बढ़ा है. GST कलेक्शन से जुलाई के महीने में सरकार खजाने में 1,48,995 करोड़ रुपये आए हैं. वहीं, पिछले महीने GST का कलेक्शन 1,44,616 करोड़ रुपये रहा था. जुलाई 2021 में जीएसटी कलेक्शन 1,16,393 करोड़ रुपये रहा था.
जुलाई महीने में आई GST कलेक्शन की रकम किसी भी एक महीने में टैक्स कलेक्शन का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है. जुलाई महीने में ग्रॉस GST कलेक्शन 1,48,995 करोड़ रहा. इसमें सेंट्रल जीएसटी कलेक्शन (CGST) 25,751 करोड़, राज्य जीएसटी कलेक्शन (SGST) 32,807 करोड़, इंटीग्रेटेड जीएसटी कलेक्शन (IGST) 79,518 करोड़ और सेस की मदद से सरकारी खजाने में कुल 10920 करोड़ रुपये आए.
79518 करोड़ के IGST कलेक्शन में इंपोर्ट की से 41420 करोड़ रुपये की रकम सरकारी खजाने में आई है. वहीं, 10920 करोड़ के सेस में 995 करोड़ की रकम इंपोर्ट की मदद से आए हैं. वित्त मंत्रालय के मुताबिक बीते वर्ष जुलाई 2021 के मुकाबले जीएसटी रेवेन्यू 35 फीसदी ज्यादा है.
मई 2022 में सरकार को जीएसटी से 1.40 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. इस साल अप्रैल में जीएसटी ने सबसे ज्यादा कलेक्शन का रिकॉर्ड बनाया था. अप्रैल 2022 में सरकार को जीएसटी से 1.68 लाख करोड़ रुपये मिले थे. मार्च 2022 में भी इनडाइरेक्ट टैक्सेज (Indirect Taxes) से 1.42 लाख करोड़ रुपये मिले थे. इससे पहले फरवरी में जीएसटी कलेक्शन 1.33 लाख करोड़ रुपये रहा था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जून के आखिर में जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक हुई थी. बैठक में GST काउंसिल ने कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों पर GST लगाने का फैसला किया, जिन्हें इस टैक्स स्लैब से बाहर रखा गया था. इसके बाद 18 जुलाई से रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे दही, लस्सी, चावल, पनीर और अन्य पर GST को लागू कर दिया गया है.
इसका असर दूध के पैक्ड प्रोडक्ट और अन्य चीजों की कीमतों पर दिखने लगा है. GST काउंसिल ने टेट्रा पैक वाले दही, लस्सी और बटर मिल्क पर 5 फीसदी GST लगाने का फैसला किया था.
jantaserishta.com
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