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नई दिल्ली: पिछले महीने माल एवं सेवा कर (GST) से सरकार को करीब 1.41 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने बुधवार को इसकी जानकारी दी और कहा कि यह पिछले साल मई महीने के कलेक्शन की तुलना में 44 फीसदी ज्यादा है. हालांकि मासिक आधार पर देखें तो सरकार को नुकसान उठाना पड़ा है. इससे पहले अप्रैल 2022 में जीएसटी से सरकार को रिकॉर्ड 1.68 लाख करोड़ रुपये मिले थे. इसका मतलब हुआ कि मासिक आधार पर सरकार का जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) 16 फीसदी से ज्यादा गिर गया है.
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों पर गौर करें तो मई महीने में न सिर्फ मासिक आधार पर जीएसटी कलेक्शन कम हुआ है, बल्कि पिछले दो महीने से मासिक आधार पर कलेक्शन बढ़ने का ट्रेंड भी थम गया है. अप्रैल में रिकॉर्ड 1.68 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन होने से पहले सरकार को मार्च महीने में इनडायरेक्ट टैक्सेज (Indirect Taxes) से 1.42 लाख करोड़ रुपये मिले थे. इससे पहले फरवरी में जीएसटी कलेक्शन 1.33 लाख करोड़ रुपये रहा था. अप्रैल 2022 में अभी तक के इतिहास का सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन हुआ है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'मई 2022 में ग्रॉस जीएसटी रेवेन्यू (Gross GST Revenue) 1,40,885 करोड़ रुपये रहा है. इनमें सेंट्रल जीएसटी (Central GST) 25,036 करोड़ रुपये, स्टेट जीएसटी (State GST) 32,001 करोड़ रुपये, इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST) 73,345 करोड़ रुपये और सेस 10,502 करोड़ रुपये शामिल है. इंटीग्रेटेड जीएसटी में वस्तुओं के आयात से मिले 37,469 करोड़ रुपये शामिल हैं. इसी तरह सेस में वस्तुओं के आयात से मिले 931 करोड़ रुपये शामिल हैं.'
मंत्रालय ने कहा कि मई 2022 में जीएसटी संग्रह साल भर पहले की तुलना में 44 फीसदी अधिक है. सरकार को मई 2021 में जीएसटी से 97,821 करोड़ रुपये मिले थे. जीएसटी लागू होने के बाद यह चौथा ऐसा महीना है, जब जीएसटी से 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कलेक्शन हुआ है. इसी तरह यह लगातार तीसरा ऐसा महीना रहा, जब कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये के पार रहा है. इसके पहले मार्च और अप्रैल महीने में भी ऐसा हो चुका है.
मंत्रालय का कहना है कि मई महीने में अप्रैल की तुलना में कम जीएसटी कलेक्शन सामान्य बात है. हालांकि यह उत्साहजनक है कि मई महीना होने के बाद भी जीएसटी से प्राप्त रेवेन्यू ने 1.40 लाख करोड़ रुपये का लैंडमार्क पार किया है. मंत्रालय ने जीएसटी कलेक्शन के साथ ही ई-वे बिल (E-way Bill) के आंकड़े भी जारी किए. आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2022 में 7.4 करोड़ ई-वे बिल जेनरेट हुए. यह मार्च 2022 की तुलना में 4 फीसदी कम है. मार्च महीने में टोटल 7.7 करोड़ ई-वे बिल जेनरेट हुए थे.
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