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सरकार ने जीएसटी वार्षिक रिटर्न फाइल करने की समय सीमा बढ़ाई

Bhumika Sahu
30 Dec 2021 6:09 AM GMT
सरकार ने जीएसटी वार्षिक रिटर्न फाइल करने की समय सीमा बढ़ाई
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सीबीआईसी ने एक आदेश में कहा कि फॉर्म जीएसटीआर-9 में वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख और जीएसटीआर-9सी के रूप में सेल्फ सर्टिफाइड रिकन्सिलेशन स्टेटमेंट दिसंबर के अंत से फरवरी के अंत तक बढ़ा दिया गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्र सरकार ने कारोबारियों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) वार्षिक रिटर्न और वित्त वर्ष 2021 के लिए रिकन्सिलेशन स्टेटमेंट की समय सीमा को दो महीने के लिए बढ़ा दी है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड और सीमा शुल्क (सीबीआईसी) ने एक आदेश में कहा कि फॉर्म जीएसटीआर-9 में वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख और जीएसटीआर-9सी के रूप में सेल्फ सर्टिफाइड रिकन्सिलेशन स्टेटमेंट दिसंबर के अंत से फरवरी के अंत तक बढ़ा दिया गया है.

जीएसटी वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख का विस्तार ऐसे समय में हुआ है जब करदाता अपनी इककम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने में व्यस्त हैं, जिसकी अंतिम तारीख 31 दिसंबर है. अगस्त में, सरकार ने वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता से बहुत छोटे व्यवसायों को छूट दी थी. वित्त वर्ष 2021 में वार्षिक बिक्री में 2 करोड़ या अधिक के साथ व्यवसायों द्वारा जीएसटी वार्षिक रिटर्न दाखिल किया जाना है. 5 करोड़ या अधिक बिक्री वाले व्यवसायों द्वारा अलग समाधान विवरण दाखिल किया जाना है. सेल्फ सर्टिफिकेशन करदाताओं पर उनकी वार्षिक रिटर्न में सही और सटीक विवरण प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी डालता है.
सीबीआईसी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है. सीबीआईसी ने ट्वीट में लिखा, वित्त वर्ष 2020-21 के लिए फॉर्म जीएसटीआर-9 में वार्षिक रिटर्न और फॉर्म जीएसटीआर-9सी में स्व-प्रमाणित समाधान विवरण प्रस्तुत करने की नियत तारीख को 31.12.2021 से आगे बढ़ाकर 28.02.2022 कर दिया गया है.
क्या है फॉर्म जीएसटीआर-9
आपको बता दें कि जीएसटीआर-9 जीएसटी के तहत रजिस्‍टर्ड टैक्‍सपेयर्स द्वारा वार्षिक रूप से फाइल किया जाने वाला एनुअल रिटर्न है. इसमें अलग-अलग टैक्स शीर्षों के तहत की गई या प्राप्त की गई आउटगोइंग और इनवर्ड सप्लाई के बारे में विवरण शामिल हैं.
टैक्स चोरी रोकने के लिए सरकार हुई सख्त
टैक्स अधिकारी टैक्स चोरी रोकने के लिए टैक्स क्रेडिट के नियमों को धीरे-धीरे सख्त कर रहे हैं. सरकार पिछले एक साल में 38,000 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी टैक्स क्रेडिट दावों का पता लगाने में सफल रही है.
जीएसटी काउंसिल की 46वीं बैठक कल
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 46वीं बैठक 31 दिसंबर को होगी. इस बैठक में जीएसटी दरों में सुधारों पर चर्चा होगी. 46वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक 31 दिसबंर को दिल्ली में होगी. यह आज राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ होने वाली निर्मला सीतारमण की बजट पूर्व बैठक का विस्तार होगी.
माना जा रहा है कि शुक्रवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों का पैनल (जीओएम) रेट्स को तर्कसंगत बनाने को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. पैनल ने उन इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के तहत आइटम की भी समीक्षा की है जिससे रिफंड को कम किया जा सके. इसके अलावा राज्यों और केंद्र अधिकारियों से मिलकर बनी फिटमेंट कमेटी ने स्लैब और रेट में बदलाव और छूट लिस्ट में से आइटम को हटाने के संबंध में कई सिफारिशें की हैं.
आपको बता दें कि इस समय जीएसटी के चार स्लैब- 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी हैं. आवश्यक वस्तुओं को या तो जीएसटी छूट रहती है या सबसे कम स्लैब में टैक्स लगाया जाता है, जबकि विलासिता और अवगुण वस्तुओं पर सबसे ज्यादा स्लैब लागू होता है.
राजस्व पर स्लैब युक्तिकरण के प्रभाव को संतुलित करने के लिए 12 और 18 फीसदी स्लैब के विलय के साथ-साथ छूट श्रेणी से कुछ वस्तुओं को बाहर करने की भी मांग की गई है.


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