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गवर्नर शक्तिकांत दास आज करेंगे मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान, रेपो रेट में 0.25-0.50 का इजाफा कर सकता है आरबीआई

Renuka Sahu
8 Jun 2022 2:20 AM GMT
Governor Shaktikanta Das will announce monetary policy today, RBI may increase repo rate by 0.25-0.50
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फाइल फोटो 

आज सुबह दस बजे रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में लिए गए फैसले का ऐलान करेंगे.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज सुबह दस बजे रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में लिए गए फैसले का ऐलान करेंगे. आर्थिक जानकारों का मानना है कि रिजर्व बैंक महंगाई को कंट्रोल में करने के लिए रेपो रेट (RBI may increase repo rate) में 0.25-0.50 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकता है. इसके अलावा कैश रिजर्व रेशियो को भी 50 बेसिस प्वाइंट्स से बढ़ाया जा सकता है. मई में रिजर्व बैंक ने मॉनिटरी पॉलिसी की आपात बैठक बुलाई थी. इस बैठक में रेपो रेट को 40 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाकर 4.40 फीसदी कर दिया गया था. इसके अलावा कैश रिजर्व रेशियों को भी आधा फीसदी बढ़ाकर 4.50 फीसदी कर दिया गया था.

रेपो रेट में बढ़ोतरी कितना होगा इसके लिए कुछ प्रमुख पैमानों पर रिजर्व बैंक की नजर होगी. 4 मई को हुई आपातकालीन घोषणा के बाद अगर पिछले एक महीने में हुए बदलाव पर गौर करें तो कच्चा तेल 103 डॉलर से बढ़कर 119 डॉलर पर पहुंच गया है. डॉलर के मुकाबले रुपया 76.3 के स्तर से लुढ़क कर 77.5 के स्तर तक पहुंच चुका है. 10 साल का अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 2.98 फीसदी से घटकर 2.88 फीसदी रह गया है. भारत में 10 साल का बॉन्ड यील्ड 7.16 फीसदी से बढ़कर 7.41 फीसदी पर पहुंच गया है. खुदरा महंगाई दर 6.69 फीसदी से बढ़कर 7.79 फीसदी पर पहुंच चुकी है.
महंगाई का आंकड़ा
महंगाई के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले चार महीने से यह 6 फीसदी के अपर लिमिट को पार कर रहा है. दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.59 फीसदी थी. अगले महीने जनवरी में यह बढ़कर 6.01 फीसदी, फरवरी में 6.07 फीसदी, मार्च में 6.95 फीसदी और अप्रैल में 7.79 फीसदी पर पहुंच गई.
जीएसटी कलेक्शन शानदार
मार्च तिमाही में ग्रोथ रेट 4.1 फीसदी रहा और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ग्रोथ रेट 8.7 फीसदी रहा. रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ग्रोथ रेट के अनुमान को 7.8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया है. अप्रैल महीने में जीएसटी कलेक्शन 1.67 लाख करोड़ रुपए रहा. यह लगातार दसवां महीना है जब जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ के पार रहा है.
रेपो रेट को वापस 5.15 फीसदी तक ले जाने की तैयारी
गवर्नर शक्तिकांत दास ने मई में रेपो रेट बढ़ाने के बाद कहा था कि अब उसका फोकस ग्रोथ की जगह महंगाई पर है. साथ में उन्होंने ये भी कहा कि रिजर्व बैंक रेपो रेट को बढ़ाकर कोरोना पूर्व 5.15 फीसदी के स्तर पर ले जाएगा. ऐसे में वर्तमान दर के मुकाबले 75 बेसिस प्वाइंट्स तक की बढ़ोतरी आने वाले दिनों में होगी.
रुपए को भी संभालना होगा
यूक्रेन क्राइसिस के कारण इस समय कच्चा तेल और खाने के तेल दोनों को लेकर संकट है और दोनों के दाम आसमान पर हैं. गिरते रुपए को संभालना भी रिजर्व बैंक के लिए जरूरी है क्योंकि इंपोर्ट बिल बढ़ रहा है. इसके अलावा सिस्टम से एक्सेस लिक्विडिटी को कम करना भी रिजर्व बैंक की चुनौती है. इससे महंगाई में कमी आएगी. हालांकि, ग्रोथ पर इसका असर दिख सकता है.
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