
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | लैवेंडर एक बार लगाने के बाद 10 से 12 साल तक रहता है. यह एक बारहमासी फसल है और इसकी खेती बंजर भूमि (Barren Land) पर भी की जा सकती है. इसे न्यूनतम सिंचाई की आवश्यकता होती है. इसे दूसरी फसलों के साथ भी उगाया जा सकता है. गैरोला के मुताबिक, लैवेंडर एक यूरोपियन क्रॉप है. पहले इसको कश्मीर में इंट्रोड्यूस किया गया. उसके बाद हमने ये जम्मू के डोडा, किश्तवाड़ और भदरवा क्षेत्रों में लगाया. इसका फायदा देखकर हजारों किसान लैवेंडर की खेती (Lavender Farming) करना चाहते हैं. केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का कहना है कि लैवेंडर डोडा ब्रांड उत्पाद के रूप में नामित, डोडा भारत की बैंगनी क्रांति यानी अरोमा मिशन (Aroma Mission) का जन्मस्थान है. लैवेंडर को डोडा ब्रांड उत्पाद के रूप में नामित किया गया है जबकि किश्तवाड़ की रतले जलविद्युत परियोजना को आठ वर्षों के बाद पुनर्जीवित किया गया है.