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सरकार का नया प्लान किसान कर सकते हैं लैवेंडर की खेती से लाखों कमाई

Teja
22 Feb 2022 11:55 AM GMT
सरकार का नया प्लान किसान कर सकते हैं लैवेंडर की खेती से लाखों कमाई
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लैवेंडर एक बार लगाने के बाद 10 से 12 साल तक रहता है. यह एक बारहमासी फसल है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | लैवेंडर एक बार लगाने के बाद 10 से 12 साल तक रहता है. यह एक बारहमासी फसल है और इसकी खेती बंजर भूमि (Barren Land) पर भी की जा सकती है. इसे न्यूनतम सिंचाई की आवश्यकता होती है. इसे दूसरी फसलों के साथ भी उगाया जा सकता है. गैरोला के मुताबिक, लैवेंडर एक यूरोपियन क्रॉप है. पहले इसको कश्मीर में इंट्रोड्यूस किया गया. उसके बाद हमने ये जम्मू के डोडा, किश्तवाड़ और भदरवा क्षेत्रों में लगाया. इसका फायदा देखकर हजारों किसान लैवेंडर की खेती (Lavender Farming) करना चाहते हैं. केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का कहना है कि लैवेंडर डोडा ब्रांड उत्पाद के रूप में नामित, डोडा भारत की बैंगनी क्रांति यानी अरोमा मिशन (Aroma Mission) का जन्मस्थान है. लैवेंडर को डोडा ब्रांड उत्पाद के रूप में नामित किया गया है जबकि किश्तवाड़ की रतले जलविद्युत परियोजना को आठ वर्षों के बाद पुनर्जीवित किया गया है.

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि लैवेंडर की खेती करने वाले किसान पारंपरिक फसलों की तुलना में 5-6 गुना ज्यादा आय (4.00-5.00 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर) प्राप्त करते हैं.
अब क्या है सरकार की तैयारी
मंत्री ने यह भी बताया कि लैवेंडर को डोडा ब्रांड उत्पाद के रूप में नामित किया गया है. उन्होंने कहा कि डोडा भारत की बैंगनी क्रांति (अरोमा मिशन) का जन्मस्थान है और कृषि-स्टार्टअप उद्यमियों और किसानों को आकर्षित करने के लिए मोदी सरकार की 'एक जिला, एक उत्पाद' पहल के तहत लैवेंडर को बढ़ावा दिया जा सकता है.
बैंगनी क्रांति के संबंध में मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि लैवेंडर की खेती के आकर्षक पहलुओं को प्रदर्शित करने के लिए डोडा, जम्मू और अन्य जिलों और बाद में देश के बाकी हिस्सों में जागरूकता/लाभार्थी कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए, ताकि अरोमा मिशन के तहत स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जा सके. इससे जिला डोडा जिले की छवि भी बढ़ेगी जो कि बैंगनी क्रांति का जन्मस्थान है.
मंत्री ने यह भी कहा कि लैवेंडर उत्पादों के लिए अग्रिम और पिछड़ी शृंखला में सुधार के लिए विभिन्न पहल की जा रही हैं और विपणन के विभिन्न विकल्पों का पता लगाया जा रहा है, जिसके लिए विभिन्न उद्योग भागीदारों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है.

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