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ऑटोमोबाइल सेक्टर में चिप की कमी को दूर करने पर सरकार का फोकस, जानिए
Bhumika Sahu
6 Oct 2021 6:53 AM GMT
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केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर की ऑटो कंपनियां सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रही है. ऐसे में केंद्र सरकार की पूरी कोशिश है कि ऑटो सेक्टर को चिप शॉर्टेज से बाहर निकाला जाए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए इस वक्त की एक बड़ी खबर आ रही है. ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाली चिप की भारी कमी को देखते हुए सरकार एक विशेष टास्क फोर्स बनाने की तैयारी कर रही है. बता दें कि इन दिनों पूरा ऑटोमोबाइल सेक्टर चिप या सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रहा है. सेमीकंडक्टर की इसी शॉर्टेज से पार पाने के लिए टास्क फोर्स बनाया जाएगा, जिसका मेन फोकस इस कमी को पूरा करने पर होगा. खबरों के मुताबिक ये टास्क फोर्स ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाली चिप शॉर्टेज को पूरा करने के लिए छोटी और लंबी अवधि की सिफारिश देगी.
चिप शॉर्टेज से बाहर निकलने पर होगा पूरा फोकस
मारुति सुजूकी ने अभी हाल ही में कहा था कि सेमीकंडक्टर की वैश्विक सप्लाई को लेकर कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन इसमें अभी समय लग सकता है. बताते चलें कि केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर की ऑटो कंपनियां सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रही है. ऐसे में केंद्र सरकार की पूरी कोशिश है कि ऑटो सेक्टर को चिप शॉर्टेज से बाहर निकाला जाए. जैसा कि अभी हमने आपको बताया कि टास्क फोर्स छोटी और लंबी अवधि की सिफारिश जारी करेगी. जहां छोटी अवधि में सप्लाई चेन को लेकर काम होगा वहीं लंबी अवधि की सिफारिशों में भारत में चिप प्लांट्स लगाने पर फोकस किया जा जाएगा.
चिप बनाने वाली कंपनियों को इंसेन्टिव देने पर भी हो रहा विचार
बताते चलें कि भारत में चिप मैन्यूफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों को इंसेन्टिव देने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि जल्द से जल्द कंपनियां भारत में अपने प्लांट लगाएं और इस भारी कमी से निजात पाई जा सके. चिप मैन्यूफैक्चरिंग के लिए कई कंपनियों के साथ लगातार बातचीत भी हो रही है. चिप की भारी कमी को देखते हुए टाटा ग्रुप ने भारत में चिप मैन्यूफैक्चरिंग के लिए रूचि जाहिर की है. इसके अलावा इजरायल की एक कंपनी भी चिप बनाने के लिए गुजरात में अपना प्लांट लगाना चाहती है और वे भारत सरकार के साथ संपर्क में है.
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