जनता से रिश्ता वेबडेस्क| किसानों (Farmers) की भलाई और जूट उद्योग (Jute Industry) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. पीएम नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में गुरुवार को हुई केन्द्रीय कैबिनेट (CCEA) की बैठक में सरकार ने खाद्यान्नों की जूट पैकिंग (packaging) को अनिवार्य कर दिया है. इस फैसले के तहत खाद्यान्नों (Food grains) की 100 परसेंट पैकिंग और चीनी की 20 परसेंट पैकिंग जूट की बोरियों में किया जाना अनिवार्य होगा.
किसानों, जूट उद्योग को फायदा
इस फैसले का ऐलान करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि 'किसान और मजदूरों के फायदे के लिए एक फैसला लिया है, जूट के बैग, आपको मालूम है पैकेजिंग के लिए यूज होती है. फैसला लिया है कि 100 परसेंट खाद्यान्न के लिए पूरी बैग जूट की आएगी. और 20 परसेंट चीनी जूट के बैग में पैक होगी. इससे जूट की खेती और जूट उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, मजदूर को रोजगार मिलेगा, किसानों को फायदा होगा.'
आम लोगों के लिए जूट के थैलों का क्या दाम होगा, इसका फैसला कमेटी करेगी. इस फैसले की जानकारी देते हुए केन्द्रीय प्रकाश जावडेकर ने बताया कि इस फैसले से जूट की मांग बढ़ेगी. 40 लाख किसानों के साथ साथ साथ जूट उद्योग में लगे लगभग चार लाख श्रमिकों को भी इस फैसले का फायदा मिलेगा. इससे पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, मेघालय, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश के जूट किसानों को फायदा होगा, क्योंकि इन राज्यों में सबसे ज्यादा जूट की पैदावार होती है.
सप्लाई गिरी तो क्या होगा?
इस फैसले का स्वागत करते हुए टेक्सटाइम मंत्री स्मृति ईरानी ने एक ट्वीट के जरिए बताया कि 'सरकार डिमांड को बनाए रखने के लिए 7500 करोड़ रुपये मूल्य के जूट खरीदती है.' जूट की सप्लाई में कमी या किसी तरह की रुकावट की स्थिति में इस नियम में ढील भी दी जा सकती है और 100 परसेंट की अनिवार्यता को 30 परसेंट तक किया जा सकता है.