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सरकार का Bad Bank…कितना होगा आम आदमी के लिए Good, जाने बातें
Bhumika Sahu
28 Dec 2021 3:11 AM GMT
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What is bad banks in India-बैड बैंक से सबसे बड़ा फायदा तो ये होगा कि बैंकों की बैलेंस शीट सुधरेगी और उन्हें नए लोन देने में आसानी होगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डूबे कर्ज के संकट से जूझ रहे सरकारी बैंकों के लिए यह बड़ी खबर है. इन बैंकों की दशा सुधारने के लिए आखिरकार अगले माह के दूसरे हफ्ते से बैड बैंक कमान संभालने जा रहा है. इसके चलते बैंक एकमुश्त लाभ ले सकते हैं. सरकारी बैंकों के 22 खातों में अनुमानित 82,000 करोड़ रुपए का लोन फंसा हुआ है. बैड बैंक किसी भी बैड असेट को गुड असेट में बदलने का काम करता है. बैड बैंक से सबसे बड़ा फायदा तो ये होगा कि बैंकों की बैलेंस शीट सुधरेगी और उन्हें नए लोन देने में आसानी होगी. इससे देश के सरकारी बैंक एनपीए से मुक्त हो सकते हैं. इन बैंकों की बैलेंस शीट साफ-सुथरी होने से सरकार को भी राहत मिलेगी.
सरकार को अगर किसी बैंक का निजीकरण करना होगा तो उसमें आसानी होगी. बैड बैंक के जरिए फंसे हुए कर्ज यानी एनपीए की वसूली के लिए कोशिशें की जाएंगी.
जानकारों के मुताबिक बैड बैंक ने एसेट मैनेजमेंट कंपनी इंडिया डेट रेजोल्यूशन कंपनी लिमिटेड के लिए 50 पेशेवर अधिकारियों की भर्ती करने की योजना बनाई है.
अभी बैड बैंक के नियामक ढांचे पर काम किया जा रहा है. सरकार ने तीन महीने पहले IDRCL और नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी यानी NARCL की स्थापना की थी। ये दोनों कंपनियां मिलकर काम करेंगी.
सरकार का Bad Bank…कितना होगा आम आदमी के लिए Good
बैड बैंक एक एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी है जिसका काम है बैंकों से उनके नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) या बैड लोन को लेना. यह कंपनी बैड एसेट को गुड एसेट में बदलती है.
बैंक जब किसी व्यक्ति या संस्था को लोन देता है और वह व्यक्ति या संस्थान लोन चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं, या लंबे समय से किस्त देना बंद कर देते हैं तो उसे बैड लोन या एनपीए मान लिया जाता है.
कोई भी बैंक अपने पास बैड लोन रखना नहीं चाहता क्योंकि इससे उनकी बैलेंस शीट खराब होती है. बैंक अपने ग्राहकों को नए कर्ज नहीं दे पाते. इसी मर्ज से छुटकारा देने के लिए एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी या बैड बैंक की स्थापना की जा रही है.
सरकारी बैंकों के 22 खातों में अनुमानित 82,000 करोड़ रुपए का लोन फंसा हुआ है. बैड बैंक किसी भी बैड असेट को गुड असेट में बदलने का काम करता है. बैड बैंक से सबसे बड़ा फायदा तो ये होगा कि बैंकों की बैलेंस शीट सुधरेगी और उन्हें नए लोन देने में आसानी होगी. इससे देश के सरकारी बैंक एनपीए से मुक्त हो सकते हैं. इन बैंकों की बैलेंस शीट साफ-सुथरी होने से सरकार को भी राहत मिलेगी.
सरकार को अगर किसी बैंक का निजीकरण करना होगा तो उसमें आसानी होगी. बैड बैंक के जरिए फंसे हुए कर्ज यानी एनपीए की वसूली के लिए कोशिशें की जाएंगी.
जानकारों के मुताबिक बैड बैंक ने एसेट मैनेजमेंट कंपनी इंडिया डेट रेजोल्यूशन कंपनी लिमिटेड के लिए 50 पेशेवर अधिकारियों की भर्ती करने की योजना बनाई है.
अभी बैड बैंक के नियामक ढांचे पर काम किया जा रहा है. सरकार ने तीन महीने पहले IDRCL और नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी यानी NARCL की स्थापना की थी। ये दोनों कंपनियां मिलकर काम करेंगी.
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