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देश का सबसे बड़ा निजीकरण मे सरकार को मिलेंगे 48000 करोड़ रुपए

Apurva Srivastav
25 March 2021 3:41 PM GMT
देश का सबसे बड़ा निजीकरण मे सरकार को मिलेंगे 48000 करोड़ रुपए
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भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन निगम लि. (BPCL) की विनिवेश प्रक्रिया बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही है

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन निगम लि. (BPCL) की विनिवेश प्रक्रिया बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही है और इसके सितंबर अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कान्त पांडेय ने गुरुवार को यह बात कही. सरकार BPCL में अपनी समूची 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. इसे आज की तारीख तक देश का सबसे बड़ा निजीकरण कहा जा रहा है. गुरुवार को बाजार बंद होने पर कंपनी का मार्केट कैप 90880 करोड़ रुपए था. ऐसे में सरकारी हिस्सेदारी की वैल्यू करीब 48 हजार करोड़ रुपए होगी.

वेदांता ग्रुप और निजी इक्विटी कंपनियों अपोलो ग्लोबल और आई स्कावयर्ड कैपिटल की भारतीय इकाई थिंक गैस ने BPCL में सरकार की हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए रुचि पत्र दिया है. टाइम्स नेटवर्क इंडिया के आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए पांडेय ने कहा, ''BPCL की विनिवेश प्रक्रिया अच्छे तरीके से आगे बढ़ रही है. हमें उम्मीद है कि 2021-22 की पहली छमाही में यह पूरी हो जाएगी. ''इससे पहले इसी महीने BPCL असम में नुमालीगढ़ रिफाइनरी से बाहर निकल गई थी. BPCL ने इसमें अपनी समूची हिस्सेदारी ऑयल इंडिया लि. और इंजीनियर्स इंडिया लि. के गठजोड़ को 9,876 करोड़ रुपए में बेची थी. नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी बिक्री से BPCL के निजीकरण का रास्ता साफ हो गया है.
अगले वित्त वर्ष में पूरा होगा एयर इंडिया का प्राइवेटाइजेशन
राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के निजीकरण (Air India Privatisation) के बारे में पांडेय ने कहा कि इसकी प्रक्रिया चल रही है. यह अगले वित्त वर्ष में होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की नयी लहर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विमानन उद्योग में सुस्ती है. उन्होंने कहा कि टीकाकरण के बाद चीजें बेहतर होंगी. अगले वित्त वर्ष में निजीकरण की पाइपलाइन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बजट में वित्त मंत्री ने जिन कंपनियों का उल्लेख किया है उनका निजीकरण होगा.
1.75 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य
सरकार ने अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है. इनमें दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और एक साधारण बीमा कंपनी शामिल है.


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