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दूरसंचार कंपनियों में सरकार सिर्फ बनेगी निवेशक

Bhumika Sahu
13 Jan 2022 5:15 AM GMT
दूरसंचार कंपनियों में सरकार सिर्फ बनेगी निवेशक
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कर्ज के बोझ से दबी वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) टाटा टेलीसर्विसेज लि. (टीटीएसएल) और टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) लि. (टीटीएमएल) ने अपनी-अपनी ब्याज देनदारियों के बकाया को इक्विटी में बदलने का प्रस्ताव किया है। इसके बाद तीनों कंपनियों में सरकार भी हिस्सेदार हो जाएगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि ब्याज देनदारी के भुगतान को इक्विटी में बदलने की पेशकश करने वाली दूरसंचार कंपनियों (Telecom Companies) पर मौजूदा और भविष्य की कर्ज देनदारियां कायम रहेंगी। कर्ज के बोझ से दबी वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल), टाटा टेलीसर्विसेज लि. (टीटीएसएल) और टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) लि. (टीटीएमएल) ने अपनी-अपनी ब्याज देनदारियों के बकाया को इक्विटी में बदलने का प्रस्ताव किया है। इसके बाद तीनों कंपनियों में सरकार भी हिस्सेदार हो जाएगी।

वैष्णव ने कहा कि सरकार सिर्फ एक निवेशक रहेगी। कंपनियों को पेशेवर चलाएंगे। सभी कर्ज देनदारियां कंपनियों का ही दायित्व रहेंगी। कंपनियों ने इस बात की प्रतिबद्धता जताई है।
बता दें कि दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया के बाद टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) ने कहा है कि वह समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाया से संबंधित ब्याज को इक्विटी में बदलेगी। इससे सरकार की कंपनी में हिस्सेदारी करीब 9.5 प्रतिशत हो सकती है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसके आकलन के अनुसार ब्याज का शुद्ध रूप से मौजूदा मूल्य (NPV) करीब 850 करोड़ रुपये है। यह अनुमान दूरसंचार विभाग की पुष्टि पर निर्भर है।
ब्याज को इक्विटी यानी शेयर में बदलने से सरकार की कंपनी में हिस्सेदारी 9.5 प्रतिशत होगी। टाटा टेलीसर्विसेज (टीटीएमएल) ने कहा कि अधिकार प्राप्त निदेशक मंडल की 11 जनवरी, 2022 को हुई बैठक में कंपनी ने एजीआर बकाये से जुड़े ब्याज को इक्विटी में बदलने की इच्छा जतायी गयी। यह नियम एवं शर्तों को लेकर द्विपक्षीय समझौते पर निर्भर करेगा। इसमें ब्याज को इक्विटी शेयर में बदलने के बाद कंपनी संचालन और विभिन्न नियामकीय/कानूनी प्रावधान शामिल हैं।
दूरसंचार विभाग की तरफ से सूचना में प्रदान की गई गणना पद्धति के अनुसार 14 अगस्त, 2021 की प्रासंगिक तिथि पर कंपनी के शेयर की औसत कीमत लगभग 41.50 रुपये प्रति इक्विटी बैठती है। यह दूरसंचार विभाग की अंतिम रूप से पुष्टि पर निर्भर करेगा। कंपनी के अनुसारअगर ब्याज को इक्विटी में बदला जाता है, इससे कंपनी के प्रवर्तकों समेत मौजूदा शेयरधारकों की हिस्सेदारी कम होगी।
इससे पहले, वोडाफोन आइडिया ने सरकार को चुकाए जाने वाले 16,000 करोड़ रुपये के ब्याज बकाया को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है। यह कंपनी में 35.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है।


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