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सरकार Retrospective Tax Law को करेगी खत्म, सीधा फायदा केयर्न, वोडाफोन जैसी कंपनियों को होगा
Renuka Sahu
6 Aug 2021 2:06 AM GMT
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फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Retrospective Tax Law : केंद्र सरकार ने उस विवादित टैक्स को खत्म करने का फैसला किया है, जिसमें कंपनियों से पिछली तारीख से टैक्स वसूलने का प्रावधान था, इसे रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स (Retrospective Tax) कहते हैं. केंद्र सरकार ने गुरुवार को टैक्सेशन लॉज (अमेंडमेंट) बिल, 2021 पेश किया. इस बिल के पारित होने के बाद पिछली तारीख से टैक्स लगाने वाला विवादित कानून खत्म हो जाएगा.
वित्त मंत्रालय करेगी कानून में संशोधन
वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में बताया कि इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है, इस बिल के पास होने के बाद भविष्य में किसी कंपनी से रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स की डिमांड नहीं की जाएगी. इनकम टैक्स एक्ट में संशोधन के बाद कंपनियों के लिए यह नियम 28 मई 2012 से पहले जैसा हो जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने ये भी प्रस्ताव रखा है कि इन मामलों में जो टैक्स लिया गया है उसे ब्याज सहित वापस किया जाएगा.
किसे होगा फायदा
सरकार के इस कदम का सीधा फायदा केयर्न एनर्जी (Cairn Energy) और वोडाफोन (Vodafone) जैसी कंपनियों को होगा, जिनके साथ लंबे समय से टैक्स विवाद चला आ रहा है. दोनों ही कंपनियों ने इस विवाद टैक्स कानून को अदालत में चुनौती दी थी.
क्या होता है रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स
ये एक ऐसा टैक्स है जो पिछली तारीख से भी वसूला जाता है, यानी अगर किसी कंपनी ने पहले कोई डील की है, लेकिन कोई टैक्स आज बना है तो उस डील पर टैक्स उस दिन से वसूला जाएगा जब वो डील हुई थी. कभी कभी ऐसा भी होता है कि कंपनियां पिछले कानूनों के हिसाब से टैक्स चुकाती चुकी होती हैं, लेकिन सरकार को लगता है कि उसने मौजूदा पॉलिसी और कानून के हिसाब से कम टैक्स चुकाया है तब वो उससे और टैक्स की मांग करती है. 28 मई, 2012 को फाइनेंस बिल, 2012 को संसद की मंजूरी मिली थी, जिसमें कहा गया था कि मई 2012 से पहले भारतीय संपत्तियों के इनडायरेक्ट ट्रांसफर पर पिछली तारीख से टैक्स लगाया जाएगा.
कानून के साथ ही खत्म होंगे विवाद भी
सरकार के इस कदम से सबसे बड़ा फायदा ब्रिटिश कंपनी केयर्न और वोडाफोन जैसी कंपनियों को होगा. इन कंपनियों ने भारत में और इंटरनेशनल कोर्ट में इस कानून के खिलाफ केस कर रखे हैं, अब ये केस भी वापस लिए जा सकते हैं. इस तरह करीब एक दशक पुराना ये विवादित कानून खत्म होगा तो उसके साथ ये विवाद भी खत्म होंगे और भारत में कारोबार का एक बेहतर माहौल भी बन सकेगा. आपको बता दें कि पिछले साल दिसंबर में हॉग के परमानेंट कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में भारत सरकार केयर्न से रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स का केस हार गई थी. जिसके बाद सरकार को 1.4 अरब डॉलर केयर्न को लौटाना है.
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