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गलत जानकारी देने के आरोप में सरकार ने 27 हजार स्मार्टफोन का निर्यात रोका

Admin Delhi 1
8 Dec 2022 9:55 AM GMT
गलत जानकारी देने के आरोप में सरकार ने 27 हजार स्मार्टफोन का निर्यात रोका
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दिल्ली: भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच भारत सरकार ने चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो के निर्यात पर रोक लगा दी है। सरकार ने वीवो के करीब 27,000 स्मार्टफोन का निर्यात एक हफ्ते से ज्यादा समय के लिए रोक दिया है। वित्त मंत्रालय की एक शाखा भारत की रेवेन्यू इंटेलिजेंस यूनिट ने डिवाइस मॉडल और उनकी कीमत के बारे में गलत जानकारी देने के लिए वीवो पर प्रतिबंध लगा दिया है। आपको बता दें कि वीवो की शिपमेंट बाधित होने से अन्य चीनी स्मार्टफोन कंपनियों का भारत में निर्यात हतोत्साहित होने की संभावना है। दरअसल, चीनी कंपनी वीवो पर अपने डिवाइस मॉडल और उनकी कीमत के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप है। बताया जा रहा है कि इन डिवाइसेज की कीमत 15 मिलियन डॉलर यानी करीब 123 करोड़ रुपये है। वीवो कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी कंपनी द्वारा बनाए गए स्मार्टफोन को नई दिल्ली हवाई अड्डे पर भारत की राजस्व खुफिया इकाई, वित्त मंत्रालय की एक शाखा द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है। हालांकि, अभी तक वित्त मंत्रालय और वीवो इंडिया की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी एजेंसी की इस कार्रवाई को इंडस्ट्री लॉबी ग्रुप ने एकतरफा और बेतुका बताया है। समूह का कहना है कि इस तरह की अनुचित कार्रवाई से भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और आयात हतोत्साहित होगा। बता दें कि साल 2020 में हिमालय की सीमाओं में भारत और चीन की सेनाओं के बीच टकराव के बाद राजनीतिक मतभेद काफी बढ़ गए हैं। साल 2020 से ही भारत में चीनी ऐप्स को बैन करने की मांग की जा रही थी और इसी साल 300 से ज्यादा ऐप्स को बैन कर दिया गया था। हालांकि, चाइनीज ऐप को बैन करने का सिलसिला अब भी जारी है। चीनी कंपनियों वीवो पर पहले टैक्स चोरी के आरोप लगे थे। इसी साल जुलाई में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने वीवो पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी के 44 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। यह कार्रवाई वीवो के देशभर के दफ्तरों में की गई। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई थी, जिसमें ईडी ने कंपनी पर टैक्स चोरी का आरोप लगाया था। हालांकि सबसे पहले वीवो पर साल 2017 में कार्रवाई की गई थी, जिसमें कंपनी के जयपुर क्षेत्रीय कार्यालय को सीज कर दिया गया था।

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