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सरकार ओर से नौकरी करने वालों मिल सकते हैं ये तोहफे बढ़ेगी टैक्स छूट की सीमा

Teja
23 Jan 2022 6:54 AM GMT
सरकार ओर से नौकरी करने वालों मिल सकते हैं ये तोहफे बढ़ेगी टैक्स छूट की सीमा
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सरकार 1 फरवरी को बजट 2022 पेश करने के लिए तैयार है. नौकरी चाहने वालों को अन्य लाभों के साथ टैक्स छूट की सीमा में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | नौकरी चाहने वालों को आम बजट (Budget 2022) में बदलावों से लाभ मिलने की उम्मीद है. वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण चौथी बार 1 फरवरी, 2022 को बजट पेश करेंगी. हर साल की तरह अर्थव्यवस्था के अलग-अलग सेक्टर्स आगामी बजट से बहुत उम्मीदें लगाए हुए हैं. कृषि से लेकर रियल एस्टेट तक, सभी सेक्टर्स इस बजट से बेनिफिट मिलने की संभावना है. नौकरी करने वाले भी वित्त मंत्री से इस बार टैक्स छूट (Tax Exemption Limit) की सीमा बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों से टैक्स छूट में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, नौकरी चाहने वालों को इस साल कर छूट की सीमा में कुछ बढ़ोतरी करने की उम्मीद है.

बढ़ाई जा सकती है टैक्स छूट की सीमा- मौजूदा टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये है और यह पिछले आठ वर्षों से समान है. इससे पहले, सरकार ने करदाताओं को कुछ राहत देने की घोषणा की थी क्योंकि उसने टैक्स छूट की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी थी. टैक्सपेयर्स टैक्स छूट को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग कर रहे हैं. वहीं सरकार द्वारा इसे बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की उम्मीद है. उत्तर प्रदेश में चुनाव को देखते हुए टैक्स छूट बढ़ने की संभावना ज्यादा है.
सेक्शन 80C के तहत बढ़ सकती है टैक्स छूट
इस समय सरकार ने इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट दी है. यह नौकरी करने वालों के लिए टैक्स बचत का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. पहले इस छूट को 1 रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये किया गया था. बजट 2022 में नौकरी चाहने वालों को उम्मीद है कि सरकार इस सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर सकती है.
कम हो सकती है टैक्स-फ्री एफडी की लॉक-इन पीरियड
इंडियन बैंक एसोसिएशन (Indian Bank Association) ने सरकार से टैक्स-फ्री एफडी (Tax-Free FD) की लॉक-इन अवधि को कम करने की मांग की है, जो पहले पांच साल थी. बैंकों ने ब्याज दरों में कमी की है, इसलिए पीपीएफ (PPF) पर रिटर्न एफडी से बेहतर है.
कम ब्याज दरों के कारण लोग अब म्यूचुअल फंड और FD के मुकाबले शेयरों की ओर रुख कर रहे हैं. आने वाले बजट में लोगों को तीन साल की एफडी को टैक्स सेवर एफडी के तहत शामिल किए जाने की उम्मीद है.
बजट में टीडीएस की दरों को तर्कसंगत बनाने का सुझाव
उद्योग जगत ने सरकार को सुझाव दिया है कि आगामी बजट में स्रोत पर कर कटौती यानि टीडीएस (TDS) की दरों को तर्कसंगत बनाया जाये. फिलहाल आयकर अधिनियम में अलग तरह के लेनदेन में टीडीएस की कई दरों का प्रावधान है. इसकी वजह से सही दर लागू होने को लेकर संशय पैदा होते हैं जो मुकदमों की वजह बनते हैं. वर्तमान में टीडीएस से जुड़ी करीब 40 धाराएं हैं. इसके अलावा कई तरह के नियम एवं फॉर्म भी रखे गए हैं. हालांकि अधिकतर टीडीएस कटौती में योगदान कुछ धाराओं का ही होता है.


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