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सरकार दे सकती है नियम में ढील चीन आने वाले FDI को लेकर जाने डिटेल

Teja
11 Jan 2022 11:54 AM GMT
सरकार दे सकती है नियम में ढील चीन आने वाले FDI को लेकर जाने डिटेल
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अगर निवेशक भारतीय सीमा से सटे देशों से संबंधित है और उसका ओनरशिप 10 फीसदी से कम है तो निवेश के उस प्रस्ताव को मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोरोना काल में निवेश को रफ्तार देने के लिए सरकार FDI पॉलिसी में बदलाव की तैयारी कर रही है. पिछले दिनों भारत सरकार ने खासकर चीन से आने वाले निवेश को ध्यान में रखते हुए FDI के नियम में बदलाव किया था. वर्तमान में अगर कोई कंपनी या निवेशक भारत के सीमा से सटे देशों से संबंधित है तो वहां से आने वाले निवेश की ज्यादा कड़ाई से जांच होती है. सीमावर्ती देशों से आने वाले निवेश के प्रस्ताव की पहले जांच होगी फिर उसे मंजूरी दी जाती है. अब सरकार नियमों में कुछ बदलाव करने के बारे में सोच रही है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर निवेशक भारतीय सीमा से सटे देशों से संबंधित है और उसका ओनरशिप 10 फीसदी से कम है तो निवेश के उस प्रस्ताव को मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी.

दूसरे शब्दों में अगर सीमावर्ती देशों का निवेशक है और उस कंपनी में उसकी हिस्सेदारी 10 फीसदी से कम है तो कोई समस्या नहीं होगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 6 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश वर्तमान नियम के कारण रुका हुआ है. माना जा रहा है कि नियम में बदलाव को फरवरी तक मंजूरी दे दी जाएगी. अगर ऐसा होता है तो 6 बिलियन डॉलर का निवेश तुरंत हो जाएगा.
अवसरवादी अधिग्रहण को रोकने के लिए यह फैसला लिया गया था
चीन ने मौके का फायदा उठाते हुए भारतीय बाजार में बड़े पैमाने पर निवेश शुरू कर दिया था. ऐसे में चीन के अवसरवादी अधिग्रहण को रोकने के मकसद से सरकार ने FDI पॉलिसी में बदलाव किया था. जिसके बाद चीन, हांगकांग से आने वाले निवेश के प्रस्ताव को धीरे-धीरे स्वीकृति मिलने लगी. निवेश के दर्जनों प्रस्ताव अभी भी जांच के लिए पेंडिंग हैं.
100 से ज्यादा प्रस्ताव लंबित
रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2021 तक चीन समेत सीमावर्ती देशों से आने वाले 100 निवेश प्रस्ताव को मंजूरी का इंतजार है. इनमें से एक चौथाई से ज्यादा प्रस्ताव ऐसे हैं, जिसमें निवेश की वैल्यु 10 मिलियन डॉलर यानी 70 करोड़ रुपए से ज्यादा है. माना जा रहा है कि नियम में ढील देने के बाद भारत में निवेशकों की बाढ़ आ जाएगी और बड़े पैमाने पर निवेश किया जाएगा. इस मुद्दे पर ट्रेड एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री को भेजे गए सवालों का अभी तक जवाब नहीं मिला है.
विदेशी निवेश में लगातार आ रहा है उछाल
मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में कुल 82 अरब डॉलर का विदेशी निवेश (FDI) आया. मोदी शासनकाल में वित्त वर्ष 2014-15 से 2020-21 के बीच कुल 440-27 बिलियन डॉलर का FDI आया है. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान देश में एफडीआई प्रवाह 62 फीसदी बढ़कर 27 अरब डॉलर हो गया.


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