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सरकार ने बनाई खास योजना, SHG से जुड़ी महिलाएं बनेंगी लखपति, जाने

Bhumika Sahu
31 Oct 2021 4:02 AM GMT
सरकार ने बनाई खास योजना, SHG से जुड़ी महिलाएं बनेंगी लखपति, जाने
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अगले 2 वर्षों में 2.5 करोड़ ग्रामीण एसएचजी महिलाओं को आजीविका सहायता प्रदान की जाएगी. 1 लाख रुपये की सालाना आय के लक्ष्य को साकार करने के लिए मंत्रालय घरेलू स्तर पर आजीविका गतिविधियों में विविधता लाने पर ध्यान केंद्रित करेगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकार ने स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिए नई पहल की शुरुआत की है. ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) ने महिलाओं को हायर इकोनॉमिक ऑर्डर में ले जाने पर अधिक ध्यान देने के लिए, एसएचजी (SHG) से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को लखपति बनाने के लिए एक पहल की शुरुआत की. इसका उद्देश्य ग्रामीण एसएचजी महिलाओं को प्रति वर्ष कम से कम 1 लाख रुपये कमाने में सक्षम बनाना है. इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए मंत्रालय ने अगले 2 वर्षों में 2.5 करोड़ ग्रामीण एसएचजी महिलाओं को आजीविका सहायता प्रदान करने की योजना बनाई है.

देश भर में मौजूद विभिन्न मॉडलों के आधार पर राज्य सरकारों को एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की गई है. 28 अक्टूबर, 2021 को इस विषय पर विशेष चर्चा के लिए राज्यों, बीएमजीएफ (बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन) और ट्रांसफोमेशन रूरल इंडिया फाउंडेशन (TRIF) के साथ एक हितधारक परामर्श कार्यशाला आयोजित की गई थी.
ऐसे बढ़ेगी कमाई
28 अक्टूबर को हुई चर्चा में कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों से लेकर पशुधन, नॉन-टिम्बर फॉरेस्ट प्रोडक्ट (NTFP) और इनके सम्मिलन के माध्यम से अन्य हस्तक्षेपों तक घरेलू स्तर पर आजीविका गतिविधियों में विविधता लाने के लिए सुनियोजित हस्तक्षेपों के महत्व पर जोर दिया गया ताकि लगातार 1 लाख रुपये की सालाना आय हो सके.
इस प्रकार के हस्तक्षेपों को लागू करने के लिए एसएचजी, वीओ (ग्राम संगठन) और सीएलएफ (क्लस्टर स्तर पर संघ) को मजबूत करने के महत्व पर भी जोर दिया गया. विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित एसएचजी सदस्यों के समर्पित सामुदायिक कार्यकर्ता उनके लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता करेंगे. इस हस्तक्षेप में नागरिक समाज संगठनों, केवीके (कृषि विज्ञान केंद्र) और निजी बाजार के अन्य खिलाड़ियों की भूमिका महत्वपूर्ण है. राज्यों को भी इन साझेदारियों को प्रोत्साहित करने और मजबूत बनाने की सलाह दी गई थी.
SHG को दी जा रही 80 हजार करोड़ रुपये की सहायता
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (National Rural Livelihood Mission) एक परिपूर्णता वाली सोच पर काम करता है. इस कार्यक्रम के तहत अब तक 7.7 करोड़ महिलाओं को 70 लाख स्वयं सहायता समूहों में शामिल करने के साथ 6768 ब्लॉकों को कवर किया गया है. SHG को प्रारंभिक पूंजीकरण सहायता प्रदान करने से लेकर सालाना लगभग 80 हजार करोड़ रुपये की सहायता दी जा रही है.
इस मिशन के तहत, विभिन्न वर्ग और जाति की गरीब महिलाएं स्वयं सहायता समूहों और उनके संघों में शामिल होती हैं, जो अपने सदस्यों को उनकी आय और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए वित्तीय,आर्थिक और सामाजिक विकास सेवाएं प्रदान करते हैं.
वर्षों से SHG द्वारा बैंक पूंजीकरण सहायता के माध्यम से उधार ली गई इस धनराशि का उपयोग अब आजीविका के विविध अवसर पैदा करने के लिए किया जा रहा है. हालांकि, इन कोशिशों से सकारात्मक बदलाव दिख रहे हैं, फिर भी यह महसूस किया गया है कि महिला एसएचजी सदस्यों की स्थायी आजीविका और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने यानी उन्हें लखपति बनाने के लिए प्रति वर्ष कम से कम 1,00,000 रुपये की उनकी आय सुनिश्चित करने के लिए ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है. 1 लाख रुपये का यह आंकड़ा ग्रामीण एसएचजी महिलाओं के लिए आकांक्षी और प्रेरणादायक दोनों है.
दीनदयाल अंत्योदय योजना का लाभ
दीनदयाल अंत्योदय योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है जो ग्रामीण गरीब महिलाओं के लिए क्षमता निर्माण और विविध आजीविका के अवसर पैदा करने पर ध्यान देने के साथ ग्रामीण गरीबों को स्व-शासित संस्थानों में संगठित करती है. मिशन ने महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के माध्यम से सफल प्रगति की है और किसानों के रूप में महिलाओं की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया है. सामुदायिक एकजुटता और महिलाओं की संस्थाओं के निर्माण के चरण से आगे बढ़ते हुए,अब ध्यान एसएचजी महिलाओं को उत्पादक समूहों, एफपीओ और निर्माता कंपनियों के माध्यम से उच्च क्रम की आर्थिक गतिविधियों में शामिल करने पर है.


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