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Air India के कर्मचारियों की सरकारी नौकरी हो जाएगी प्राइवेट, जानिए इससे जुड़ी पूरी बात

Bhumika Sahu
1 Oct 2021 7:12 AM GMT
Air India के कर्मचारियों की सरकारी नौकरी हो जाएगी प्राइवेट, जानिए इससे जुड़ी पूरी बात
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एयर इंडिया में करीब 16 हजार एंप्लॉयी काम करते हैं. इनमें से 9600 के करीब परमानेंट एंप्लॉयी हैं और 4200 के करीब कॉन्ट्रैक्ट वाले हैं. इनमें से 3400 परमानेंट एंप्लॉयी वित्त वर्ष 2023-24 में रिटायर भी हो जाएंगे.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया के लिए टाटा सन्स की बोली को मंजूर कर लिया गया है. आधिकारिक ऐलान किसी भी वक्त किया जा सकता है. अब सबसे बड़ा सवाल मन में यह आता है कि एयर इंडिया में काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों का क्या होगा? क्या उनकी नौकरी बनी रहेगी या उसमें किस तरह के बदलाव संभव हैं? उन्हें मिलने वाली तमाम सुविधाओं का क्या होगा?

माना जा रहा है कि एयर इंडिया के नए मालिक टाटा ग्रुप को शुरुआत में कई कठिनाइयों का सामना करना होगा. सरकार एयर इंडिया में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. एयर इंडिया एक इंटरनेशनल कैरियर है. इसके अलावा इंडियन एयरलाइन और एयर इंडिया एक्सप्रेस, में भी सरकार विनिवेश कर रही है. इंडियन 2007 के मर्जर के बाद इंडियन एयरलाइन्स का नाम बदलकर एयर इंडिया रखा गया था. Air India Express की शुरुआत 2005 में की गई थी और यह मुख्य रूप से केरल और गल्फ देशों को आपस में जोड़ती है. इन तीन एयरलाइन के अलावा सरकार एयर इंडिया SATS एयरपोर्ट सर्विसेज में भी 50 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है.
1500 से ज्यादा ट्रेन्ड पायलट
एयर इंडिया के ह्यूमन रिसोर्स की बात करें तो इसके फ्लीट में 1500 ट्रेन्ड पायलट और 2000 से ज्यादा एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स हैं. टाटा ग्रुप का वर्क कल्चर काफी अच्छा है. इसके बावजूद प्राइवेट कंपनी और पब्लिक कंपनी में कामकाज का तरीका और स्टैंडर्ड बिल्कुल अलग होता है. जानकारों का कहना है कि टाटा सन्स को जितने एंप्लॉयी मिलेंगे वे एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइन्स के हैं. ये दोनों पब्लिक सेक्टर की कंपनियां हैं. इसके बावजूद, दोनों के कामकाज, इंटर्नल प्रोसेस, ह्यूमन रिलेशन्स, वर्किंग कंडिशन, टाइमिंग और मेथड में काफी अंतर है. टाटा ग्रुप को इस समस्या को अच्छे से मैनेज करना होगा.
करीब 16 हजार एंप्लॉयी
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया में करीब 16 हजार एंप्लॉयी काम करते हैं. इनमें से 9600 के करीब परमानेंट एंप्लॉयी हैं और 4200 के करीब कॉन्ट्रैक्ट वाले हैं. इनमें से 3400 परमानेंट एंप्लॉयी वित्त वर्ष 2023-24 में रिटायर भी हो जाएंगे. एयर इंडिया एक्सप्रेस में 191 परमानेंट एंप्लॉयी हैं. 1156 कॉन्ट्रैक्ट वाले एंप्लॉयी हैं और 7 परमानेंट एंप्लॉयी वित्त वर्ष 2023-24 में रिटायर भी होंगे.
8 एंप्लॉयी यूनियन को मैनेज करना कठिन
टाटा ग्रुप के लिए एयर इंडिया के आठ एंप्लॉयी यूनियन को मैनेज करना भी कठिन चुनौती होगी. टाटा ग्रुप के लिए इन सभी यूनियन को आपस में जोड़ना और ग्राउंड स्टॉफ के साथ संपर्क को बेहतर करना भी बड़ी चुनौती है.
दर्जनों एयरक्राफ्ट को अपग्रेड करने की जरूरत
इसके अलावा दर्जनों एयरक्राफ्ट को अपग्रेड करने की जरूरत है. इसके लिए प्रति एयरक्राफ्ट 2.5 से 3 मिलियन डॉलर (21 करोड़ के करीब) का खर्च होगा. एयर इंडिया के फ्लीट में 177 एयरक्राफ्ट हैं. इनमें से 15 बोइंग 777-300 एक्सटेंडेड रेंज एयरक्राफ्ट है. तीन 777-200 लॉन्ग रेंज एयरक्राफ्ट और 6 बोइंग 787 एयरक्राफ्ट है. 21 एयरक्राफ्ट लीज पर भी है. इसके अलावा एयरबस के भी दर्जनों अलग-अलग एयरक्राफ्ट हैं.
साप्ताहिक 2738 इंटरनेशनल स्लॉट
एयर इंडिया के साथ तमाम खामियां हैं, लेकिन इसका ऑपरेशन शानदार है. एक सप्ताह में इसका 4486 डोमेस्टिक स्लॉट है और हर सप्ताह 2738 इंटरनेशनल स्लॉट हैं. इंटरनेशनल स्लॉट में 358 वेस्ट एशियन कंट्रीज (अबूधाबी, दुबई, तेल अवीव जैसे देश) के लिए है. 72 साप्ताहिक स्लॉट अमेरिका, कनाडा के लिए है जो न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को, वॉशिंगटन और टोरंटो जैसे शहरों के लिए है. इंग्लैंड के हिथ्रो, लंदन के Stansted और बर्मिंघम के लिए साप्ताहिक 74 स्लॉट हैं.


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