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सरकार सस्ते भाव में बेच रही है सोना, आप न गवाएं खरीदने का गोल्डन चांस

Gulabi
1 March 2021 10:54 AM GMT
सरकार सस्ते भाव में बेच रही है सोना, आप न गवाएं खरीदने का गोल्डन चांस
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अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए यह एकदम सही समय है

अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए यह एकदम सही समय है। केंद्र सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत की है। इस योजना की शुरुआत सबसे पहले नवंबर 2015 में हुई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सोने के भौतिक रूप की मांग में कमी लाना है, यानि कि लोग ज्वेलरी से ज्यादा बॉन्ड में निवेश करें। इस स्कीम के बारे में ज्यादा जानते हैं...

कब से शुरू हो रही है सीरीज
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की 12वीं सीरीज एक मार्च से शुरू हो रही है और पांच मार्च तक आप इसमें निवेश कर पाएंगे। यह स्कीम चालू वित्त वर्ष की आखिरी सीरीज है। इसमें सबसे खास बात यह है कि इस बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत दस महीने में सबसे कम है यानि दस महीने के निचले स्तर पर है।
प्रति ग्राम सोने की कीमत कितनी है
भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बार गोल्ड सब्सक्रिप्शन की कीमत 4,662 रुपये प्रति ग्राम तय की है। इससे पहले चालू वित्त वर्ष में दूसरी सीरीज यानि मई 2020 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत 4,590 रुपये प्रति ग्राम थी। वहीं 11वीं सीरीज में बॉन्ड की कीमत 4,912 रुपये प्रति ग्राम थी।
अगर आप ऑनलाइन आवेदन करेंगे तो आपको प्रति ग्राम पर 50 रुपये की छूट मिलेगी। इसका मतलब यह हुआ कि आप एक ग्राम सोने के लिए 4,612 रुपये खर्च करेंगे।
कितना सोना खरीद सकते हैं
सरकारी गोल्ड बॉन्ड की कीमत बाजार में चल रहे सोने के भाव से कम होती है। बॉन्ड के तौर पर आप सोने में न्यूनतम एक ग्राम और अधिकतम चार किलो तक निवेश कर सकते हैं। इस पर टैक्स छूट भी मिलती है। इसके अलावा स्कीम के जरिए बैंक से लोन भी लिया जा सकता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फायदे
इस स्कीम में किसी तरह की कोई धोखाधड़ी और अशुद्धता की संभावना नहीं होती। ये बॉन्ड आठ साल के बाद मैच्योर होंगे, यानि कि आठ साल के बाद पैसा निकासी कर सकते हैं। इसके अलावा पांच साल बाद भी पैसा निकालने का विकल्प होता है।

कहां से खरीदें गोल्ड बॉन्ड
इस गोल्ड की बिक्री बैंकों, डाकघरों, एनएसई और बीएसई के अलावा स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के जरिए होती है।

बॉन्ड पर कितना ब्याज मिलता है
सॉवरेन गोल्ड स्कीम पर हर साल 2.50 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। ब्याज निवेशक के खाते में अर्ध-वार्षिक तरीके से जमा किया जाता है। बॉन्ड की मैच्योरिटी होने पर इसे भारतीय रुपये में भुनाया जा सकता है। यह पैसा सीधे निवेशक के खाते में आता है।

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