सरकार स्मार्टफोन और टैबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए एक ही चार्जर लाने की संभावनाएं तलाश रही है और इसपर चर्चा के लिए उसने अगले हफ्ते हितधारकों की बैठक भी बुलाई है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए अलग-अलग चार्जर की जरूरत खत्म करने के लिए एक ही चार्जर लाने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी. उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर न सिर्फ यूज़र्स पर आर्थिक बोझ कम पड़ेगा बल्कि ई-कचरा (e-waste) कम करने में भी मदद मिलेगी.
बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics) और इलेक्ट्रिकल (Electrical) सामान जिसे खराब होने या ठीक से काम न करने पर फेंक दिया जाता है. उसे E-Waste कहते हैं.
अधिकारी के मुताबिक, 'कॉमन चार्जर' की संभावनाएं तलाशने के लिए 17 अगस्त को मोबाइल फोन विनिर्माताओं और इस क्षेत्र से जुड़ी उपकरण बनाने वाली कंपनियों को बैठक के लिए बुलाया गया है.
इस अधिकारी ने कहा, 'अगर मोबाइल कंपनियां यूरोप और अमेरिकी बाजारों में एक चार्जिंग सिस्टम अपना सकती हैं, तो फिर वे ऐसा भारत में क्यों नहीं कर सकती हैं? स्मार्टफोन और टैबलेट जैसे पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में एक कॉमन चार्जर होना चाहिए.'