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सरकार तलाश रही है रास्‍ता सब्सिडी वाला LPG सिलेंडर

Admin4
12 July 2021 2:55 PM GMT
सरकार तलाश रही है रास्‍ता सब्सिडी वाला LPG सिलेंडर
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BPCL) को निजीकरण के बाद सब्सिडी वाली एलपीजी की बिक्री जारी रखने की छूट देने की योजना के आगे एक लगा अड़ंगा

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- नई दिल्ली। देश में उत्पादित रसोई गैस LPG) की आपूर्ति केवल सरकार के स्वामित्व वाली तेल कंपनियों तक सीमित करने वाले दो दशक पुराने रसोई गैस आपूर्ति आदेश ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड BPCL) को निजीकरण के बाद सब्सिडी वाली एलपीजी की बिक्री जारी रखने की छूट देने की योजना के आगे एक अड़ंगा लगा दिया है। मामले की जानकारी रखने वाले दो सरकारी अधिकारियों ने कहा कि अब यह पता लगाने के लिए कानूनी राय मांगी गई है कि क्या निजीकरण के बाद बीपीसीएल को ओएनजीसी और गेल जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित रसोई गैस का आवंटन सही होगा।वर्तमान में, बीपीसीएल के पास 8.4 करोड़ से अधिक घरेलू एलपीजी ग्राहक हैं। इनमें 2.1 करोड़ उज्ज्वला ग्राहक हैं। इसके लिए कंपनी की अपनी तेल-शोधन इकायों का एलपीजी उत्पादन पर्याप्त नहीं होता है। बीपीसीएल अन्य तेल विपणन कंपनियों की तरह, तेल और प्राकृतिक गैस निगम ONGC) और गेल इंडिया) लिमिटेड जैसी सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के साथ-साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी निजी कंपनियों से रसोई गैस खरीदती है।

रसोई गैस आपूर्ति और वितरण विनियमन) आदेश, 2020, जिसे रसोई गैस नियंत्रण आदेश, 2000 के रूप में जाना जाता है, केवल सरकार के स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनियों - इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन IOCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड HPCL) और बीपीसीएल को स्वदेशी रूप से उत्पादित रसोई गैस की बिक्री का प्रावधान करता है। यह आदेश ओएनजीसी और गेल जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित एलपीजी को निजी कंपनियों को आपूर्ति किए जाने से रोकता है। निजी क्षेत्र के एलपीजी विक्रेताओं को, जिन्हें समानांतर एलपीजी विपणक कहा जाता है, को आयातित गैस का उपयोग करना पड़ता है। देश में रसोई गैस की कमी को देखते हुए नियंत्रण आदेश, 2000 जारी किया गया था|अधिकारियों ने बताया कि बीपीसीएल का निजीकरण हो जाने के बाद, यह आदेश ओएनजीसी और गेल के बीपीसीएल को रसोई गैस बेचने पर रोक लगा देगा।

देश में उत्‍पादित एलपीजी की अनुपलब्‍धता के कारण बीपीसीएल अपने ग्राहकों को आपूर्ति करने में सक्षम नहीं होगी और इसके ग्राहकों को आईओसी और एचपीसीएल के पास स्‍थानांतरित करना भी संभव नहीं होगा क्‍योंकि एलपीजी सिलेंडर उपकरण को बदलने की आवश्‍यकता होगी। आईओसी और एचपीसीएल के पास इतने बड़े उपभोक्‍ता आधार को संभालने के लिए आवश्‍यक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर भी नहीं होगा।इस वजह से इस रास्‍ते पर विचार किया जा रहा है कि बीपीसीएल को निजीकरण के तीन साल बाद तक एक सरकारी कंपनी के तौर पर माना जाए। इसलिए सरकार इस मुद्दे पर कानूनी राय मांग रही है। दूसरा विकल्‍प यह है कि एलपीजी नियंत्रण आदेश को संशोधित कर निजी कंपनियों को देश में उत्‍पादित एलपीजी खरीदने की अनुमति दी जाए। यह कदम अन्‍य प्राइवेट कंपनियों के लिए एलपीजी रिटेलिंग के दरवाजे खोलेगा।सरकार एक साल में एक परिवार को 14.2 किलोग्राम वाले 12 एलपीजी सिलेंडर सब्सिडी मूल्‍य पर उपलब्‍ध कराती है। देश के बहुत से हिस्‍सों में अभी सब्सिडी का भुगतान नहीं किया जा रहा है लेकिन कीमत में बहुत अधिक वृद्धि होने की स्थिति में सब्सिडी का भुगतान सीधे उपभोक्‍ता के बैंक खाते में किया जाएगा।सरकार बीपीसीएल में प्रबंधन नियंत्रण के साथ अपनी पूरी 53 प्रतिशत हिस्‍सेदारी की बिक्री कर रही है। बीपीसीएल के नए मालिक को भारत के ऑयल रिफाइनिंग क्षमता में 15.33 प्रतिशत हिस्‍सा मिलेगा और फ्यूल मार्केटिंग में 22 प्रतिशत हिस्‍सेदारी हासिल होगी। बीपीसीएल के पास 18,652 पेट्रोल पम्‍प, 6166 एलपीजी डिस्‍ट्रीब्‍यूटर एजेंसी और 260 एविएशन फ्यूल स्‍टेशन में से 61 स्‍टेशन हैं।



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