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सरकार फसल विविधीकरण पर दे रही जोर, जानिए क्या है कृषि विशेषज्ञों का मानना

Gulabi
16 Dec 2021 2:02 PM GMT
सरकार फसल विविधीकरण पर दे रही जोर, जानिए क्या है कृषि विशेषज्ञों का मानना
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कृषि विशेषज्ञों का मानना
केंद्र सरकार फसल विविधीकरण पर जो रही है. लेकिन पंजाब और हरियाणा के किसानों को कहना है कि यह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गारंटी के बिना संभव नहीं है. इन दोनों राज्यों के किसानों को धान और गेहूं की खरीद में एमएसपी का लाभ मिलता है. यहां पर काफी मात्रा में फसलों की खरीद एमएसपी पर होती है. यहीं कारण है कि किसान फसल विविधीकरण अपनाने से पहले एमएसपी पर गारंटी की मांग कर रहे हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) से जुड़े नेता जगमोहन सिंह द हिन्दू से बात करते हुए कहते हैं कि अगर हमें एमएसपी पर गारंटी मिलती है तो हम धान जैसी फसल की खेती नहीं करेंगे. उनका कहना है कि हमें इन फसलों की खेती के लिए 3 लाख रुपए बोरवेल लगाने के लिए देने पड़ते हैं और यह भूजल को कम करता है. सरकार एमएसपी का आश्वासन देती है तो हम फसल विविधीकरण को अपनाएंगे.
पंजाब में भूजल स्तर में तेजी से आ रही कमी
जगमोहन सिंह का कहना है कि धान की खेती तेलंगाना जैसे राज्यों में ही हो. सिंचाई की व्यवस्था और पानी की उपलब्धता के कारण तेलंगाना नए चावल के कटोरा के रूप में उभरा है. वहीं इस राज्य में कीटनाशकों और खाद की आवश्यकता पंजाब के मुकाबले कम है, जिस वजह से लागत भी घट जाती है.
इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस के एक अध्ययन के अनुसार, पंजाब में धान के किसानों को एक किलो चावल का उत्पादन करने के लिए बिहार के मुकाबले तीन गुना अधिक पानी की आवश्यकता होती है. जबकि पंजाब में भूजल स्तर में 120 सेंटी मीटर सालना की दर से कमी आ रही है.
धान और गन्ना की खेती में किसान देश के आधे जल संसाधनों का उपयोग करते हैं. दरअसल, इन फसलों को लेकर खरीद नीतियों का किसान लाभ उठाते हैं. वहीं मक्का की खेती में धान के मुकाबले पांच गुना कम पानी की जरूरत होती है, लेकिन किसान इस फसल की खेती से कतराते हैं क्योंकि मक्का में लाभकारी कीमतों की गारंटी नहीं है.
पराली जलाने की समस्या का भी हो जाएगा समाधान
किसान नेता सिंह कहते हैं कि एमएसपी पर गारंटी के बिना फसल विविधता असंभव है. केवल धान और गेहूं की बजाय सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद होगी तो पंजाब का किसान धान की खेती करना बंद कर देगा और कुसुम, मूंग या चना दाल उगाएगा.
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में आधे से अधिक सरकारी गेहूं और धान की खरीद पंजाब और हरियाणा से हुई है. पंजाब में उगाए गए 85 प्रतिशत से अधिक और हरियाणा में 75 प्रतिशत अधिक गेहूं और धान सरकार द्वारा एमएसपी पर खरीदा जाता है. किसी अन्य फसल को ऐसा समर्थन नहीं मिलता है.
कुछ कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार फसल विविधीकरण के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देती है तो पराली जलाने की समस्या का समाधान भी हो जाएगा.
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