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सरकार टोल कलेक्शन के लिए ला रहे है नया सिस्टम, FASTags के इस्तेमाल से होगी करोड़ों की बचत

Khushboo Dhruw
1 March 2021 6:39 PM GMT
सरकार टोल कलेक्शन के लिए ला रहे है नया सिस्टम, FASTags के इस्तेमाल से होगी करोड़ों की बचत
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नेशनल हाईवे पर छोटी दूरी तय करने वालों को जल्द बड़ी राहत मिलेगी. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि जल्द टोलिंग के लिए नया जीपीएस बेस्ड सिस्टम आएगा,

नेशनल हाईवे पर छोटी दूरी तय करने वालों को जल्द बड़ी राहत मिलेगी. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि जल्द टोलिंग के लिए नया जीपीएस बेस्ड सिस्टम आएगा, जहां एंट्री और एक्जिट प्वाइंट्स के आधार पर हाईव पर केवल तय की दूरी के लिए यात्रियों को भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा कि इस सिस्टम को पेश करने में दो साल लगेंगे. गडकरी ने कहा कि टोल प्लाजा (Toll Plaza) की लाइव मॉनिटरिंग के जरिए आप टोल प्लाजा पर लाइव स्थिति के साथ न केवल डिले एसेस कर सकते हैं, बल्कि ट्रैफिक की हिस्ट्री और ट्रैफिक की स्थिति भी जान सकते हैं.

पूरे देश में टोल प्लाजा पर लाइव कंडीशन जानने के लिए लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम की लॉन्चिंग पर गडकरी ने ये बात कही. उन्होंने कहा, हाईवे के लिए अनिवार्य फास्टैग (FASTag) से सालाना तेल पर 20,000 करोड़ रुपए की बचत करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, 10,000 करोड़ रुपए का रेवेन्यू भी बूस्ट होगा.
FASTags के इस्तेमाल से होगी करोड़ों की बचत
हाईवे के लिए एक रेटिंग प्रणाली जारी करते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि यह हाईवे के उपयोग, निर्माण और गुणवत्ता के मामले में पर्फेक्शन प्राप्त करने में मदद मिलेगी. इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन के लिए हाईवे यूजर्स के लिए FASTags को अनिवार्य करने से टोल प्लाजा पर डिले कम हुआ है. इससे तेल लागत पर प्रति वर्ष 20,000 करोड़ रुपए की बचत होगी. मंत्री ने कहा कि यही नहीं, इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन में 10,000 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष रॉयल्टी बढ़ेगी.
FASTag से एक दिन का कलेक्शन 100 करोड़ के पार
बता दें कि 16 फरवरी, 2021 से टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए टोल टैक्स पेमेंट अनिवार्य हो गया है. इसके बाद टोल कलेक्शन में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने कहा कि फास्‍टैग के जरिए डेली टोल कलेक्शन करीब 104 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया है.
गडकरी ने कहा कि टोल प्लाजा की लाइव निगरानी इनकम टैक्स (Income Tax), जीएसटी (GST) और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के हाथों में एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित होगी. उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा पर लाइव स्टेटस के आधार पर सरकार लेन को बढ़ाने सहित सुधार के लिए कदम उठा सकती है.


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