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आधार वेरिफिकेशन के लिए सरकार ने जारी किया नया नियम, जान लीजिए वरना होगी दिक्कत

Bhumika Sahu
14 Nov 2021 5:15 AM GMT
आधार वेरिफिकेशन के लिए सरकार ने जारी किया नया नियम, जान लीजिए वरना होगी दिक्कत
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Aadhaar Latest News: सरकार की ओर से जारी नया नियम आधार होल्डर को यह अधिकार देता है कि वह वेरिफिकेशन एजेंसी को इस बात के लिए मना कर सकता है कि उसका कोई भी ई-केवाईसी डेटा स्टोर न किया जाए. यहां जानिए पूरी डिटेल्स.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आधार कार्ड भारत में एक अनिवार्य दस्तावेज है. इसके बिना देश में कोई भी काम नहीं हो सकता है. UIDAI भी समय-समय पर आधार से संबंधित जानकारियां देती है. आधार वेरिफिकेशन (Aadhaar Verification) को लेकर सरकार ने एक नया नियम जारी किया है. यह नया नियम आधार के ऑफलाइन वेरिफिकेशन को लेकर है. अब नए नियम के तहत आप अपने आधार को ऑफलाइन या बिना किसी इंटरनेटर या ऑनलाइन के भी वेरिफिकेशन कर सकेंगे.

सरकार ने जारी किए नए नियम
सरकार की तरफ से जारी नियम के अनुसार, वेरिफिकेशन के लिए अब आपको डिजिटल तौर पर हस्ताक्षर किया गया दस्तावेज देना होगा. यह डिजिटली साइन्ड दस्तावेज आधार की सरकारी संस्था यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) की ओर से जारी होना चाहिए. आपको बता दें कि इस दस्तावेज पर यूजर के आधार नंबर के अंतिम चार अक्षर दिए रहते हैं.
'ग्राहक को जानिए'
गौरतलब है कि सरकार ने 8 नवंबर 2021 को आधार (प्रमाणीकरण और ऑफलाइन सत्यापन) विनियम, 2021 (विनियम) को अधिसूचित किया और 9 नवंबर 2021 को उन्हें आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया गया. इसमें ई-केवाईसी (e-kyc) के लिए आधार के ऑफलाइन वेरिफिकेशन की डिटेल प्रोसेस के बारे में बताया गया है. यहां केवाईसी का अर्थ 'ग्राहक को जानिए' से है जो पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक होगा. इसलिए इसका नाम ई-केवाईसी दिया गया है.
जानिए क्या है नए नियम में?
इस नए नियम में आधार होल्डर को एक विकल्प दिया जाता है कि वह आधार ई-केवाईसी वेरिफिकेशन के प्रोसेस के लिए अपने आधार पेपरलेस ऑफलाइन e-KYC को किसी अधिकृत एजेंसी को दे सकता है. इसके बाद एजेंसी आधार होल्डर की ओर दिए गए आधार संख्या और नाम, पता आदि को सेंट्रल डेटाबेस के साथ मिलान करेगा. अगर मिलान सही पाया जाता है तो वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दी जाती है.
आधार देता है अधिकार
आपको बता दें कि आधार पेपरलेस ऑफलाइन ई-केवाईसी का मतलब उस डिजिटली साइन्ड दस्तावेज से है जो यूआईडीएआई की ओर से जारी किया जाता है. इस दस्तावेज में आधार नंबर के अंतिम 4 अक्षर, नाम, लिंग, पता, जन्मतिथि और फोटो की जानकारी होती है. सरकार की ओर से जारी यह नया नियम आधार होल्डर्स को यह अधिकार देता है कि वह वेरिफिकेशन एजेंसी को इस बात के लिए मना कर सकता है कि उसका कोई भी ई-केवाईसी डेटा स्टोर न किया जाए.
ऑफलाइन आधार वेरिफिकेशन के प्रकार
नियमों के अनुसार, UIDAI निम्नलिखित प्रकार की ऑफलाइन वेरिफिकेशन सेवाएं प्रदान करेगा.
- क्यूआर कोड वेरिफिकेशन
- आधार पेपरलेस ऑफलाइन ई-केवाईसी वेरिफिकेशन
- ई-आधार वेरिफिकेशन
- ऑफलाइन पेपर आधारित वेरिफिकेशन
आधार वेरिफिकेशन के तरीके
ऑनलाइन आधार वेरिफिकेशन के लिए होल्डर्स के पास कई अन्य मौजूदा सिस्टम हैं. आधार वेरिफिकेशन के विभिन्न तरीके निम्नलिखित हैं जो ऑफलाइन विकल्पों के साथ मिलते हैं.
- डेमोग्राफिक ऑथेंटिकेशन
- वन-टाइम पिन आधारित ऑथेंटिकेशन
- बॉयोमेट्रिक आधारित ऑथेंटिकेशन
- मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन


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