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सरकार ने दिया तोहफा, कर्मचारीयों को मिलेगा सात लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर

Kunti Dhruw
9 May 2021 11:25 AM GMT
सरकार ने दिया तोहफा, कर्मचारीयों को मिलेगा सात लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर
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कोविड-19 महामारी के कारण पूरा देश प्रभावित है।

कोविड-19 महामारी के कारण पूरा देश प्रभावित है। महामारी से न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में काफी कुछ बदला है। लोगों को वित्तीय संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जनता के बोझ को कम करने के लिए मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। कोरोना काल में लोगों को बीमा का महत्व समझ आया है। इसलिए लोगों की जरूरतों को समझते हुए सरकार ने एम्प्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम, 1976 (EDLI Scheme) के तहत दी जाने वाली बीमा राशि की सीमा बढ़ा दी है। इस सरकारी योजना के तहत अब बीमा राशि की सीमा सात लाख रुपये कर दी गई है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सब्सक्राइबर्स या मेंबर एम्प्लॉई को जीवन बीमा की सुविधा भी देता है। ईपीएफओ के सभी सब्सक्राइबर एम्प्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम 1976 के तहत कवर होते हैं। अब इंश्योरेंस कवर की धनराशि अधिकतम सात लाख रुपये हो गई है। जबकि पहले यह छह लाख रुपये थी।
श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता वाला ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने नौ सितंबर 2020 को डिजिटल तरीके से आयोजित बैठक में ईडीएलआई योजना के तहत अधिकतम बीमा राशि बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने का निर्णय किया था। गंगवार ने कहा कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 28 अप्रैल को ईडीएलआई योजना के तहत अधिकतम बीमा राशि बढ़ाकर सात लाख रुपये करने के फैसले को लागू करने के लिये अधिसूचना जारी की थी। श्रम सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि अधिकतम बीमा राशि अधिसूचना की तारीख से लागू होगी।
इतनी है न्यूनतम बीमा राशि
न्यूनतम बीमा राशि की बात करें, तो 14 फरवरी 2020 के बाद न्यूनतम बीमा राशि 2.5 लाख रुपये बरकरार रखने का भी निर्णय किया गया था। न्यूनतम बीमा राशि 2.5 लाख रुपये पूर्व की तिथि 15 फरवरी 2020 से लागू होगी। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 15 फरवरी 2018 को एक अधिसूचना के जरिए ईडीएलआई के तहत न्यूनतम बीमा राशि बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया था। यह वृद्धि दो साल के लिए की गई थी। इसकी अवधि 15 फरवरी 2020 को समाप्त हो गई।
इस संशोधन का मकसद योजना से जुड़े उन सदस्यों के परिवार और आश्रितों को राहत प्रदान करना है जिनका सेवा में रहते दुर्भाग्यपूर्ण निधन हो जाता है। मार्च 2020 में हुई बैठक में ईपीएफओ न्यासियों ने न्यूनतम 2.5 लाख रुपये का निश्चित लाभ उस मृतक कर्मचारी के परिवार के सदस्यों को देने की सिफारिश की, जिनका निधन सेवा के दौरान हो जाता है।




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