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सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाई, अगर नहीं भरा तो जान लीजिए क्या होगा

Apurva Srivastav
3 May 2021 6:51 AM GMT
सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाई, अगर नहीं भरा तो जान लीजिए क्या होगा
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बड़ा फैसला लेते हुए बिलिटेड और रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख को आगे बढ़ा दिया है

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बड़ा फैसला लेते हुए बिलिटेड और रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख को आगे बढ़ा दिया है. अब इसकी आखिरी तारीख 31 मई 2021 कर दी है. इसको लेकर कई लोगों के मन में सवाल उठ रहे है कि ये किसके लिए है. क्या पुराने इनकम टैक्स को भरा जा सकता है. आपको बता दें कि असेसमेंट ईयर 2021-22 (वित्त वर्ष 2020-21) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2021 है.

पहले जानते सरकार के आदेश के बारे में
वित्त मंत्रालय का कहना है कि असेसमेंट ईयर 2020-21 (वित्त वर्ष 2019-20) के लिए इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 139 के सब सेक्शन 4 और 5 के तहत बीलेटेड रिटर्न और रिवाइज्ड रिटर्न की तारीख को दो महीने से बढ़ाकर 31 मई 2021 किया जा रहा है. पहले यह डेडलाइन 31 मार्च 2021 को खत्म हो रही थी. अगर आसान शब्दों में कहें तो रिवाज्ड रिटर्न उसे कहते हैं जब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते कोई गलती हो जाए तब रिवाइज्ड रिटर्न भरा जाता है.
अगर कोई टैक्स पेयर 31 जुलाई की तय तारीख तक रिटर्न फाइल नहीं करता है उसके पास बिलेटेड आइटीआर भरने का विकल्प रहता है. लेकिन तब टैक्स पेयर्स को जुर्माना देना पड़ता है. यह जुर्माना 5000 से 10000 तक का होता है.
सरकार ने क्या कोई और फैसला किया है?
चैप्टर XX के तहत अपील टू कमिश्नर मामले में रिटर्न फाइलिंग की आखिरी तारीख 1 अप्रैल 2021 तक थी जिसे बढ़ाकर 31 मई तक कर दिया गया है. सेक्शन 144सी के तहत डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन पैनल के लिए रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 1 अप्रैल तक थी जिसे बढ़ाकर 31 मई कर दिया गया है.
सेक्शन 148 के तहत मिले नोटिस के मामले में रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन भी 31 मई तक बढ़ाई गई है. वित्त वर्ष 2020-21 का इनकम टैक्स रिटर्न 31 जुलाई तक फाइल करना है. इस तारीख तक इनकम टैक्स फाइल करने पर आपको कोई आतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा.
अब क्या है आखिरी तारीख
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बिलिटेड या रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 31 मई कर दिया है. कोरोना संक्रमण फैलने की वजह से ये फैसला लिया गया है.
बिलेटेड और रिवाइज्‍ड इनकम टैक्स रिटर्न कौन और क्यों फाइल करता है?
किसी फाइनेंशियल ईयर के लिए इनकम टैक्‍स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की तय समयसीमा खत्‍म होने के बाद बिलेटेड रिटर्न फाइल किया जाता है. इसके लिए टैक्‍सपेयर को पेनाल्‍टी देनी पड़ती है.
संशोधित या रिवाइज्‍ड आईटीआर कोई टैक्‍सपेयर तब फाइल करता है, अगर उससे ओरिजनल टैक्‍स रिटर्न फाइल करते समय कोई गलती हो जाती है. जैसे डिडक्‍शन का क्‍लेम भूल जाना, इनकम या बैंक अकाउंट इत्‍यादि को रिपोर्ट न करने जैसी गलतियां शामिल हैं. तब इसे भरा जाता है.
बिलेटेड आईटीआर आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्‍शन 139(4) के तहत फाइल किया जाता है. वहीं, रिवाइज्‍ड आईटीआर को सेक्‍शन 139 (5) के तहत दाखिल किया जाता है.
अगर 31 मई के बाद भी नहीं किया इनकम टैक्स रिटर्न फाइल तो क्या होगा?
बिलेटेड और रिवाइज्‍ड इनकम टैक्स रिटर्न कौन और क्यों फाइल करने पर तीन महीने से दो साल तक की जेल हो सकती है. अगर इनकम टैक्स का बकाया 25 लाख रुपये से ज्यादा है तो 7 साल तक की जेल हो सकती है.


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