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गवर्नमेंट ने निधि कंपनियों में निवेश करने वालों को किया सतर्क , जानिए कारण

Tara Tandi
25 Aug 2021 3:24 AM GMT
गवर्नमेंट ने निधि कंपनियों में निवेश करने वालों को किया सतर्क , जानिए कारण
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अगर आपर निधि कंपनियों (Nidhi company) में निवेश करते हैं तो यह खबर आप जरूर पढ़ लें

अगर आपर निधि कंपनियों (Nidhi company) में निवेश करते हैं तो यह खबर आप जरूर पढ़ लें, वरना आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. दरअसल, सरकार ने निवेशकों से अपना पैसा लगाने से पहले निधि कंपनियों (Nidhi Companies) के पिछले कामकाज की जांच करने की सलाह दी है. सरकार ने कंपनी अधिनियम 2013 (Companies Act 2013) और निधि नियम 2014 (Nidhi Rules 2014) के तहत 348 कंपनियों के बारे में लोगों को आगाह किया है जो एक Nidhi company के रूप में घोषित किए जाने से जुड़े आवश्यक मानदंडों को पूरा करने में विफल रही हैं.

'निधि' का अर्थ एक ऐसी कंपनी से है जिसे निधि के रूप में अपने सदस्यों के बीच बचत की आदत पैदा करने, उनसे डिपॉजिट प्राप्त करने और उधार देने के उद्देश्य से शामिल किया गया है. आसान शब्दों में कहें तो निधि कंपनियां वे गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं हैं जो अपने सदस्यों को लोन देतीं और लेती हैं. इन्हें केंद्र द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करने की आवश्यकता है.

MCA ने निवेशकों को दी ये सलाह

मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरोट अफेयर्स (MCA) ने निवेशकों को निवेश से पहले निधि कंपनियों की स्थिति को सत्यापित करने की सलाह दी. कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 406 और 2014 के संशोधित निधि नियमों के तहत, 'निधि' के रूप में निगमित कंपनियों को एनडीएच -4 (NDH-4) के रूप में केंद्र सरकार को आवेदन करने की आवश्यकता है.

384 कंपनियां आवश्यक मानदंडों को नहीं कर सकी पूरा

वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि 24 अगस्त को, 348 कंपनियों द्वारा दाखिल फॉर्म की जांच की गई, लेकिन एक भी कंपनी केंद्र सरकार द्वारा निधि कंपनी के रूप में घोषित किए जाने के लिए आवश्यक मानदंडों को पूरा नहीं कर सकी.

इसने यह भी कहा कि बड़ी संख्या में ऐसी कंपनियां हैं, जो निधि कंपनी के रूप में काम कर रही हैं, लेकिन अभी तक आवेदन नहीं किया है. यह कंपनी अधिनियम और निधि नियमों का उल्लंघन है. केंद्र ने निधि नियमों में संशोधन किया, स्टेटस अपडेशन के लिए नया फॉर्म निर्धारित किया.

बयान में कहा गया है कि स्टेकहोल्डर्स को सलाह दी जाती है कि वे एक निधि के रूप में काम करने वाली कंपनी के की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि केंद्र सरकार द्वारा इसका सदस्य बनने और ऐसी कंपनियों में अपनी मेहनत की कमाई जमा या निवेश करने से पहले इसे एक निधि कंपनी के रूप में घोषित किया गया है.


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