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देश में प्रमुख दलहनों की कीमतों में कमी आने के बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई दिल्ली। सरकार ने दलहन के आयातकों के लिए भंडारण की सीमा खत्म कर दी है। मिलों तथा थोक कारोबारियों के लिए भी नियमों में ढील दी गई है। देश में प्रमुख दलहनों की कीमतों में कमी आने के बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है। सोमवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अब स्टाक की सीमा 31 अक्टूबर तक सिर्फ तुअर, उड़द, चना और मसूर दाल पर लागू होगी।
हालांकि, इन इकाइयों को उपभोक्ता मामलों के विभाग के पोर्टल पर अपने स्टाक की सूचना देना जारी रखना होगा। बयान के अनुसार दलहन आयातकों को स्टाक की सीमा से छूट देने का फैसला किया गया है। थोक व्यापारियों के लिए स्टाक की सीमा 500 टन होगी। ऐसे कारोबार कोई भी एक दाल 200 टन से अधिक नहीं रख सकेंगे। वहीं, मिलों के लिए स्टाक की सीमा छह माह का उत्पादन या 50 फीसद की स्थापित क्षमता (जो भी अधिक हो) रहेगी।
वहीं खुदरा व्यापारियों के लिए भंडारण की पांच टन की पूर्व सीमा लागू रहेगी।बयान के अनुसार आयातकों, मिलों, खुदरा तथा थोक व्यापारियों को स्टाक की घोषणा पोर्टल पर करती रहनी होगी। यदि उनके पास निर्धारित सीमा से अधिक स्टाक है, तो उन्हें 19 जुलाई को जारी अधिसूचना के 30 दिनों के भीतर इसे निर्धारित सीमा में लाना होगा। सरकार ने दो जून को थोक और खुदरा व्यापारियों, आयातकों तथा मिलों के लिए अक्टूबर तक मूंग को छोड़कर सभी दलहनों की भंडारण सीमा निर्धारित कर दी थी। इसका मकसद दालों की महंगाई पर काबू करना था।
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