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गूगल की सर्विस कुछ समय के लिए डाउन होने से मचा हाहाकार, जानें क्यों

Gulabi
14 Dec 2020 3:30 PM GMT
गूगल की सर्विस कुछ समय के लिए डाउन होने से मचा हाहाकार, जानें क्यों
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गूगल आज हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत ही अहम रोल निभा रहा है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गूगल आज हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत ही अहम रोल निभा रहा है. खाने, पीने, सोने, पढ़ने, रहने से लेकर गूगल हर जरूरत की चीज में हमारी मदद कर रहा है. कहीं, जाना हो तो झट से गूगल निकालते हैं और डिस्टेंस वगैरह और रूट देखकर अपने डेस्टिनेशन तक पहुंच जाते हैं.


कहीं एडमिशन लेना हो तो तुरंत गूगल पर पहले ये सर्च करते हैं कि कौनसी यूनिवर्सिटी या इंस्टिट्यूशन बेस्ट है. रिलेशनशिप से लेकर दिल टूटने के दर्द तक, हर तरह के कोट भी गूगल पर खूब सर्च किए जाते हैं. ये कह सकते हैं कि गूगल अब हमारे सुख-दुख का साथी बन गया है. आज के समय में लोग गूगल पर पूरी तरह से निर्भर हो गए हैं. हमारी रोजोना की जिंदगी में गूगल एक बहुत ही अहल रोल प्ले कर रहा है.

20 साल पहले की बात की जाए तो उस समय इंटरनेट जरूर था, लेकिन प्रचार-प्रसार के इतने साधन नहीं थे. पर आज के समय में गूगल प्रचार-प्रसार का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है. तो चलिए आज जानते हैं कि आखिर गूगल क्या है और यह आज के समय में हमारे लिए कितना महत्व रखता है

क्या है गूगल?
गूगल एक बहुत बड़ी टेक कंपनी है. गूगल, सर्च इंजन के साथ-साथ, क्लाउंडिंग कंप्यूटिंग और इंटरनेट एनालिटिक्स की सर्विस भी देता है. इन सर्विसेज को आप गूगल ड्राइव, विज्ञापन, प्ले स्टोर (जिसके जरिए कोई भी एप्लिकेशन डाउनलोड कर सकते हैं.) के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. इन सबके अलावा गूगल का अपना ब्राउजर भी है, जिसका नाम क्रोम है.

इन सर्विसेज के अलावा गूगल का अपना ऑपरेटिंग सिस्टम भी है और दुनियाभर में इसके 20 से ज्यादा प्रोडक्ट मौजूद हैं, जिनमें गूगल मैप, ई-मेल शामिल हैं. अब तो गूगल मोबाइल इंडस्ट्री में भी अपनी पैठ बना चुका है. साल 2016 में गूगल ने अपना मोबाइल लॉन्च किया था, जिसका नाम है गूगल पिक्सल. यह फोन लोगों को काफी पसंद आया.

किसने बनाया और कब हुई इसकी स्थापना?
गूगल को सर्गी ब्रिन और लैरी पेज ने बनाया, जब वह स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे. गूगल इनकी थेसिस था, जिसपर ये दोनों अपने पीएचडी प्रोग्राम पर काम कर रहे थे. 1995 में उन्होंने इस पर रिसर्च किया और 1996 में इसे आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया. उस समय इसका नाम गूगल नहीं था. रिसर्च के दौरान उन्होंने इसे सर्च इंजन बुलाया और फिर इसका नाम BACKRUB रख नाम दिया था. 1997 में इसका नाम बदल Google रखा गया.
ऐसे पड़ा नाम Google
गूगल नाम रखने के पीछे भी एक कहानी है. दरअसल, दोनों नाम रखने की जद्दोजहद में एक गलत शब्द लिख बैठा, जो था- Gogol. वे दोनों Googol लिखना चाहते थे, पर उन्होंने Gogol लिख डाला. बता दें कि Googol एक गणित का शब्द है. इस तरह गलत स्पेलिंग लिखने से इसे नाम मिला Google. इसके बाद हर साल गूगल कुछ न कुछ नया इंवेंट करता रहा और अपने यूजर्स को बेहतरीन सुविधा देने की हर एक कोशिश की.


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