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मार्केट में धाक जमाने के लिए Google हर साल खर्च करता है 83000 करोड़, ऐसे ही नहीं बना बादशाह

SANTOSI TANDI
14 Sep 2023 2:31 PM GMT
मार्केट में धाक जमाने के लिए Google हर साल खर्च करता है 83000 करोड़, ऐसे ही नहीं बना बादशाह
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83000 करोड़, ऐसे ही नहीं बना बादशाह
इंटरनेट की इस दुनिया में आज हमें कुछ भी सर्च करना होता है, तो हम गूगल पर ही सर्च करते हैं. मार्केट में इस बादशाहत को कायम रखने के लिए गूगल हर साल 10 बिलियन डॉलर यानी 83,000 करोड़ रुपये की रकम खर्च करता है. अमेरिका की एक अदालत में गूगल के खिलाफ एंटी-ट्रस्ट यानी मार्केट में कॉम्प्टीशन को नुकसान पहुंचाने के एक मामले में सुनवाई चल रही है. इसी दौरान अमेरिकी सरकार की ओर से गूगल को लेकर ये दलील दी गई है.
वाशिंगटन की जिस अदालत में गूगल के खिलाफ ‘एंटी-ट्रस्ट’ मामले की ये सुनवाई चल रही है, मंगलवार को वह भीड़ से खचाखच भरी हुई थी. अमेरिकी सरकार के न्याय विभाग की दलील थी कि मार्केट में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए गूगल अपनी बेशुमार संपत्ति और प्रभाव का इस्तेमाल करती है, ताकि वह दुनिया का सबसे पॉपुलर सर्च इंजन बनी रहे. सरकार के वकील केनीथ डिंटजर ने कहा कि इस बादशाहत को बरकरार रखने के लिए गूगल हर साल 10 अरब डॉलर (करीब 83,000 करोड़ रुपये) खर्च करती है.
अदालत में दी गई दलील पर दलील
अदालत में सुनवाई के दौरान गूगल ने भी जोरदार तरीके से अपना बचाव किया. गूगल ने दलील दी कि इंटरनेट यूजर्स उसके सर्च इंजन पर उसकी क्वालिटी के चलते भरोसा करते हैं. इस पर सरकारी वकील ने कहा कि गूगल अपने कॉन्ट्रैक्ट्स के माध्यम से ये सुनिश्चित करती है कि उसके प्रतिद्वंदी सर्च इंजन सर्च इंजन क्वालिटी और एड मॉनेटाइजेशन को मैच ही नहीं कर सकें. फोन यूजर्स के लिए इस बात का ध्यान खासतौर पर रखा जाता है. इसी तरह से बीते 12 साल से गूगल की धाक जमी हुई है और ये हर बार गूगल के पक्ष में ही काम करता है.
मोनोपॉली को लेकर है चिंता
गूगल के खिलाफ अमेरिकी अदालत में चल रहा ये ‘एंटी-ट्रस्ट’ केस बीते कई दशकों में इस तरह का सबसे बड़ा मामला है. टेक इंडस्ट्रीज के एक्सपर्ट लंबे समय से इस सेक्टर में गूगल जैसी बड़ी कंपनियों के एकाधिकार (मोनोपॉली) को लेकर चिंता जताते रहे हैं. एंड्रॉइड की बदौलत गूगल फोन मार्केट के बड़े हिस्से पर एकाधिकार रखता है. गूगल की पेरेंट कंपनी एल्फाबेट का डोमिनेंस मार्केट कंट्रोल से आगे जाकर डाटा अधिग्रहण और डिवाइस तक फैल रहा है.
भारत में लग चुका है 1338 करोड़ का जुर्माना
मार्केट डोमिनेंस बनाए रखने के लिए अनैतिक बिजनेस टिप्स अपनाने को लेकर गूगल पर भारत में भी 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है. भारत में मार्केट कॉम्प्टीशन के वॉचडॉग कॉम्प्टीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने गूगल पर 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया हुआ है. इसे केस में गूगल ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया. आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने गूगल को हर हाल में जुर्माना अदा करने का आदेश सुनाया.
सीसीआई ने गूगल पर ये जुर्माना मार्केट में अपनी स्थिति का नाजायज फायदा उठाने को लेकर लगाया था. सीसीआई का कहना है कि गूगल उसके फोन सॉफ्टवेयर एंड्रॉइड का इस्तेमाल करने वाले डिवाइस मेकर्स के साथ जब मोबाइल ऐप डिस्ट्रिब्यूशन एग्रीमेंट करता है, तब उन्हें दूसरे एप्स इंस्टाल करने से हतोत्साहित करता है. खासकर के अपने प्रतिद्वंदी कंपनियों के ऐप्स को लेकर वो ऐसा करता है.
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