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फाइल फोटो
सोने-चांदी कीमतों में उतार-चढ़ाव लगातार जारी है। इस हफ्ते सर्राफा बाजार में सोना (Gold price today) करीब 54 रुपये सस्ता हुआ है, जबकि चांदी (Silver price today) की कीमतों में लगभग 119 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। इस हफ्ते तो सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट बहुत ही मामूली है, लेकिन अगर सोने के ऑल टाइम हाई से सोने की मौजूदा कीमत की तुलना करें तो पता चलता है कि सोने-चांदी की कीमतों में तगड़ी गिरावट आ चुकी है। अभी सोने की कीमत 46,847 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि चांदी 67,894 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है।
सोने ने अगस्त के महीने में अपना ऑल टाइम हाई छू लिया था। सोना 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक जा पहुंचा था। तब से अब तक सोना 9300 रुपये सस्ता हो चुका है। चांदी ने भी अगस्त में अपना ऑल टाइम हाई छुआ था और वह 77,840 रुपये प्रति किलो के करीब जा पहुंची थी। तब से अब तक चांदी 9900 रुपये सस्ती हो चुकी है। हालांकि, अगस्त में ही बड़ी गिरावट भी आई और सोना अगस्त महीने में करीब 10 फीसदी तक लुढ़का। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कोरोना वायरस वैक्सीन की खबरें आने लगी थीं, जिसके चलते लोगों ने फिर से शेयर बाजार समेत बाकी रिस्की प्लेटफॉर्म्स का रुख करना शुरू कर दिया था।
वैश्विक बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट के अनुरूप राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना 661 रुपए की गिरावट के साथ 46,847 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार पिछले दिन सोना 47,508 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी भी 347 रुपये की गिरावट के साथ 67,894 रुपये प्रति किलो ग्राम पर बंद हुआ जिसका पिछला बंद भाव 68,241 रुपये प्रति किलो था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना गिरावट के साथ 1,815 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस रह गया जबकि चांदी 26.96 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ''डॉलर सूचकांक में सुधार के कारण सोने में कमजोरी रही।''
कमजोर हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों की कटान की जिससे वायदा कारोबार में शुक्रवार को सोना 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 47,301 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अप्रैल महीने में डिलिवरी वाले सोना वायदा की कीमत 207 रुपये यानी 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 47,301 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। इसमें 12,970 लॉट के लिये कारोबार किया गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार, न्यूयॉर्क में सोना 0.59 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता 1,816 डॉलर प्रति औंस चल रहा था।
मजबूत हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे वायदा बाजार में शुक्रवार को चांदी वायदा कीमत 98 रुपये की तेजी के साथ 68,590 रुपये प्रति किलो हो गयी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में चांदी के मार्च महीने में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 98 रुपये यानी 0.14 प्रतिशत की तेजी के साथ 68,590 रुपये प्रति किलो हो गयी जिसमें 12,832 लॉट के लिये कारोबार हुआ। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि चांदी कीमतों में तेजी आने का मुख्य कारण घरेलू बाजार में तेजी के रुख की वजह से कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली करना था। हालांकि, वैश्विक स्तर पर, न्यूयार्क में चांदी की कीमत 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 27 डॉलर प्रति औंस चल रहा था।
बजट के दिन सोने में करीब 1324 रुपये की गिरावट देखी गई थी, जिसके बाद सोना 47,520 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले सोना 48,844 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं दूसरी ओर चांदी में करीब 3461 रुपये की तेजी देखी गई थी, जिसके बाद चांदी 72,470 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई थी। इससे पिछले सत्र में चांदी 69,009 रुपये प्रति किलो के स्तर पर बंद हुई थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट प्रस्तावों में सोने और चांदी पर आयात शुल्क (import tax) में भारी कटौती की घोषणा की थी। सीतारमण ने सोने और चांदी पर आयात शुल्क में 5 फीसदी की कटौती की है। फिलहाल सोने और चांदी पर 12.5 फीसदी आयात शुल्क चुकाना पड़ता है। इस तरह से अब सोने और चांदी पर सिर्फ 7.5 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी चुकानी होगी। इससे सोने और चांदी की कीमतों में कमी आएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई 2019 में सोने पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी किया गया था। इसके चलते सोने के दाम काफी बढ़े हैं। इसे देखते हुए सरकार सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाएगी। इस घोषणा के बाद सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट आएगी। भारत बड़े पैमाने पर सोने का आयात करता है। चीन के बाद भारत सोने का सबसे बड़ा खरीदार है। वित्त मंत्री के इस फैसले से सोने की तस्करी पर भी अंकुश लगेगा। हाल में सोने की तस्करी में तेजी आई है।
2020 में 28 फीसदी महंगा हुआ सोना
ये साल सोने के लिए बहुत ही शानदार (Gold Price in 2020) साबित हुआ है। इस साल अब तक सोने की कीमत करीब 28 फीसदी तक बढ़ी है। अगस्त के महीने में तो सोने-चांदी ने एक नया रेकॉर्ड ही बना दिया था और अपना ऑल टाइम हाई का स्तर छू लिया था। ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही सोने की कीमत बढ़ी है। इस साल वैश्विक बाजार में भी सोना करीब 23 फीसदी महंगा हुआ है। इससे पहले 2019 में भी सोने के दाम में बढ़ोतरी की दर डबल डिजिट में थी, इस बार भी सोने दाम में बढ़ोतरी की दर डबल डिजिट में है।
क्यों बढ़ी इतनी अधिक कीमत
2020 में सोने के दाम में तगड़ी तेजी की वजह कोरोना वायरस रहा, जिसकी वजह से लोग निवेश का सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे थे। सोने में निवेश हमेशा से ही सुरक्षित रहा है। कोरोना की वजह से शेयर बाजार में लोगों ने निवेश कम कर दिया, क्योंकि शेयर बाजार में निवेश रिस्की होता है। पिछले साल जनवरी-फरवरी में तो सोना धीरे-धीरे बढ़ रहा था, लेकिन मार्च में भारत में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद इसने स्पीड पकड़ ली।
क्यों आ रही है सोने में गिरावट?
कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन के मोर्चे पर सकारात्मक खबरों से सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है। वहीं अब कोरोना वायरस की वैक्सीन भी आ चुकी है और वैक्सिनेशन की शुरुआत भी हो गई है। ऐसे में निवेशक सोने को छोड़कर शेयर बाजार का रुख कर रहे हैं, जहां कम समय में अधिक रिटर्न पाया जा सकता है। यही वजह है कि निकट भविष्य में सोने की कीमतों में भारी उछाल की संभावना नहीं है। हालांकि, लंबी अवधि के लिए सोना अभी भी निवेश का अच्छा विकल्प माना जा रहा है।
क्या सोना कोरोना काल से पहले की स्थिति में लौट आएगा?
कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में एक तगड़ी गिरावट देखने को मिली थी। समय बीतने के साथ-साथ शेयर बाजार उस तगड़ी गिरावट से लगातार उबर रहा है। दुनिया भर के अधिकतर शेयर बाजार कोरोना की वजह से आई गिरावट से मजबूती से लड़ते हुए रिकवर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सोना (today gold price) अपना ऑल टाइम हाई छू कर वापस आ चुका है। आए दिन सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या सोना भी कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में लौट आएगा, क्योंकि ये ट्रेंड देखा गया है कि शेयर बाजार मजबूत होता है तो सोना कमजोर होता है और इसका उल्टा भी होता है। तो क्या सोना अभी और सस्ता होगा, क्योंकि जनवरी में सेंसेक्स 41 हजार के करीब था, तब सोने की कीमत भी 41 हजार के करीब थी।
कोरोना काल में सोना बना वरदान
सोना गहरे संकट में काम आने वाली संपत्ति है, मौजूदा कठिन वैश्विक परिस्थितियों में यह धारणा एक बार फिर सही साबित हो रही है। कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक संकट के बीच सोना एक बार फिर रिकॉर्ड बना रहा है और अन्य संपत्तियों की तुलना में निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प साबित हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि उतार-चढ़ाव के बीच सोना अभी कम से कम एक-डेढ़ साल तक ऊंचे स्तर पर बना रहेगा। दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का मानना है कि कम एक साल तक सोना उच्चस्तर पर रही रहेगा। वह कहते हैं कि संकट के इस समय सोना निवेशकों के लिए 'वरदान' है। गोयल मानते हैं कि दिवाली के आसपास सोने में 10 से 15 प्रतिशत तक का उछाल आ सकता है।
मुसीबत की घड़ी में हमेशा बढ़ी है सोने की चमक!
सोना हमेशा ही मुसीबत की घड़ी में खूब चमका है। 1979 में कई युद्ध हुए और उस साल सोना करीब 120 फीसदी उछला था। अभी हाल ही में 2014 में सीरिया पर अमेरिका का खतरा मंडरा रहा था तो भी सोने के दाम आसमान छूने लगे थे। हालांकि, बाद में यह अपने पुराने स्तर पर आ गया। जब ईरान से अमेरिका का तनाव बढ़ा या फिर जब चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनी, तब भी सोने की कीमत बढ़ी।
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