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ग्रामीणों के लिए खुशखबरी! 50 लाख रुपये तक मिलेगा होम लोन, ब्याज दर होगी इतनी

HARRY
9 Sep 2021 12:45 PM GMT
ग्रामीणों के लिए खुशखबरी! 50 लाख रुपये तक मिलेगा होम लोन, ब्याज दर होगी इतनी
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नई दिल्ली. कोरोना काल (Corona Period) में आर्थिक तंगी से जूझ (Facing financial Crisis) रहे लोगों के लिए एक खुशखबरी है. देशभर के डाकघरों (Post Office) से भी अब ग्राहक होम लोन (Home Loan) ले सकेंगे. इसके लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के (LIC Housing Finance) साथ एक करार किया है. इस करार से अब आईपीपीबी के 4.5 करोड़ से अधिक ग्राहकों को होम लोन के लिए अब बैंक का चक्कर काटना नहीं पड़ेगा. बता दें कि आईपीपीबी की देशभर में 650 से अधिक ब्रांच हैं. इस करार के बाद अब ग्राहक अब देशभर में एक लाख 36 हजार बैंकिंग एक्सिस प्वाइंट से होम लोन ले सकते हैं. खासकर वेतनभोगियों को एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के साथ इस करार के बाद 6.6 प्रतिशत ब्याज दर से 50 लाख रुपये तक होम लोन ले सकते हैं.

डाक विभाग का कहना है कि इस करार का बहुत बड़ा फायदा ग्रामीण इलाके के ग्राहक भी शहर में मकान बनाने या खरीदने के लिए होम लोन ले सकेंगे. आईपीपीबी के पास 2 लाख से ज्यादा डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक हैं, जो माइक्रो एटीएम और बायोमीट्रिक डिवाइस से घर-घर जाकर अपनी सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं. अब डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक के माध्यम से होम लोन उत्पाद की बिक्री की जाएगी.
बता दें कि इस पार्टनरशिप के जरिए एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस सभी ग्राहक को होम लोन उपलब्‍ध कराएगा, जबकि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक लोन का सोर्स होगा. आईपीपीबी के मुताबिक, देश के जिन इलाकों में बैंकिंग सुविधा नहीं है वहां भी डाक सेवकों की मदद से होम लोन मिलेगा. वहीं एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस ने कहा है कि इस करार के जरिए ग्रामीण इलाकों में अपनी पैठ बढ़ाएगी. इससे देशभर में ग्राहकों को उनकी जरूरत के मुताबिक सभी बैंकिंग सर्विसेज उपलब्‍ध हो सकें.
गौरतलब है कि आईपीपीबी की शुरू होने के साल भर बाद ही होम लोन सेवा शुरू करने की घोषणा हुई थी. एक सितंबर को ही डाक विभाग का इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने तीन साल पूरे किए हैं. इन तीन सालों में भी आईपीपीबी ने होम लोन देने की सुविधा शुरू नहीं की थी, जबकि पिछले तीन सालों में आईपीपीबी ने 80 लाख से ज्यादा बैंक खाते खोले हैं. इसमें खाताधारकों के 500 करोड़ रुपये जमा हुए हैं. फिर भी बैंक ऐसे ग्राहक कर्ज नहीं दे रही थी.
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