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RBI
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ऑटो पेमेंट को अनिवार्य करने को लेकर डेडलाइन को बढ़ाने का ऐलान किया है. RBI ने पहले यूटिलिटी बिल जैसे कामों के लिए ऑटोमैटिक पेमेंट की सुविधा के नियमों में बदलाव का ऐलान किया था और जिसको लेकर एडिशनल फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन (AFA) की घोषणा की थी जिसे एक अप्रैल से लागू किया जाना था. लेकिन अब इस 6 महीने के लिए एक्सटेंड कर दिया गया है.
माना जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि बैंक और मर्चेंट अभी RBI गाइडलाइंस को लागू करने पर काम कर रहे हैं. नए नियम के डेडलाइन को बढ़ाने से मर्चेंट के साथ-साथ ग्राहकों को भी राहत मिली है क्योंकि बैंकों ने इस बात को लेकर ग्राहकों को मैसेज भेजना शुरू कर दिया था कि उनके कार्ड से होने वाले ऑटोमेटिक यूटिलिटी बिल ट्रांजेक्शन को एक अप्रैल से कैंसिल कर दिया जाएगा और उन्हें दोबारा इसके लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा.
बता दें कि अभी के समय में Airtel, Netflix, Hotstar, Amazon Prime, Zee5 जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और अन्य चीजों के लिए ऑटो डेबिट की सुविधा मुहैया करवाई जाती है जिसमें ग्राहकों के अकाउंट से डायरेक्ट पेमेंट कट जाता है. लेकिन नये नियम के तहत बैंकों को नियमित तौर पर बिलों के भुगतान के बारे में ग्राहक को सूचना देनी होगी और ग्राहक से मंजूरी के बाद ही उसका भुगतान किया जा सकेगा. ऐसे में बिलों का भुगतान स्वत: नहीं होगा बल्कि ग्राहक से सत्यापन यानी मंजूरी के बाद ही हो सकेगा.
ऑटो बिल पेमेंट की बढ़ी सीमा
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक जनवरी से कॉन्टैक्टलेस कार्ड पेमेंट और कार्ड व UPI के जरिए ऑटो बिल पेमेंट की सीमा को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया है. इसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल ट्रांजेक्शन को सरल और सुरक्षित बनाना है.
एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूरी
अगर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लाए गए नियम की बात करें तो नये दिशानिर्देश के अनुसार बैंकों को 5,000 रुपये से अधिक के भुगतान के लिये ग्राहकों को 'वन-टाइम पासवर्ड' भेजना होगा. इसके बाद ग्राहक के अप्रूवल के बाद ही पेमेंट हो सकेगा. इसका मुख्य उद्देश्य सभी ट्रांजेक्शन को और सुरक्षित बनाना है.
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