x
न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
नई दिल्ली: आर्थिक मोर्चे पर फिच रेटिंग्स ने भारत को एक अच्छी और एक बुरी खबर दी है। फिच रेटिंग्स ने सॉवरेन रेटिंग के आउटलुक को निगेटिव से स्टेबल यानी स्थिर कर दिया है। वहीं, चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के अनुमान पर कैंची भी चला दी है।
सॉवरेन रेटिंग पर राहत: फिच ने आउटलुक को स्टेबल रखने के बावजूद रेटिंग 'बीबीबी-' पर कायम रखा है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ''आउटलुक में संशोधन हमारे इस विचार को दर्शाता है कि वैश्विक जिंस कीमतों में तेजी के झटकों के बावजूद भारत में आर्थिक सुधार और वित्तीय क्षेत्र की कमजोरियों में कमी आई है। इस वजह से मध्यम अवधि के दौरान वृद्धि में गिरावट का जोखिम कम हो गया है।''
क्या है इसके मायने: किसी भी देश की उधार चुकाने की क्षमता को देखते हुए सॉवरेन रेटिंग का किया जाता है। रेटिंग एजेंसी का पूरा फोकस देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर होता है। भारत के संदर्भ में देखें तो आरबीआई का दावा है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार बाजार की अस्थिरता को संभालने के लिए पर्याप्त है और फिलहाल यह 600 अरब डॉलर के करीब है।
जीडीपी पर नया अनुमान: फिच रेटिंग्स ने जीडीपी अनुमान घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है, जिसके पहले 8.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई थी। वैश्विक जिंस कीमतों में तेजी के कारण महंगाई बढ़ने के चलते यह कटौती की गई है। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने जीडीपी अनुमान को 7.2 पर बरकरार रखा है, लेकिन भू-राजनीतिक तनाव के नकारात्मक प्रभाव और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी को लेकर आगाह भी किया था।
Next Story