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भारत के लिए खुशखबरी! रूस ने किया ये दावा

jantaserishta.com
5 July 2022 7:51 AM GMT
भारत के लिए खुशखबरी! रूस ने किया ये दावा
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: रूस की प्रमुख रिफाइनरी रोसनेफ्ट (Rosneft) ने पिकोरा सागर (Pechora Sea) में एक विशाल तेल भंडार खोजने का दावा किया है. रोसनेफ्ट ने अपने ऐलान में बताया कि भंडार में 82 मिलियन टन तेल होने का अनुमान है. इस तेल भंडार की वजह से भारत के लिए नए अवसर खुल सकते हैं. भारत का रूसी तेल संपत्तियों में बड़ा निवेश है. पिछले कुछ महीनों में भारत रूस से तेल का आयात (India Import oil) करने वाला प्रमुख देश बनकर उभरा है.

रोसनेफ्ट के अनुसार, एक ड्रिलिंग अभियान की वजह से मेडिंस्को-वरंडेस्की क्षेत्र में तेल के इस भंडार की खोज की गई है. टेस्ट के दौरान पता चला कि यहां एक दिन में 220 क्यूबिक मीटर की अधिकतम प्रवाह दर के साथ तेल का एक फ्री फ्लो मिला है. भारत उत्तरी समुद्री मार्ग के माध्यम से रूस से तेल और गैस के आयात के लिए उत्सुक है. रोसनेफ्ट ने इस साल मई में बाल्टिक बंदरगाहों से 7,00,000 टन तेल इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन को बेचा है.
भारत एक एक छोटे समुद्री मार्ग से कर्मशियल फायदे का इस्तेमाल करने और आर्कटिक तेल-गैस को अपनी अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाने के लिए तैयार है. भारत की आर्कटिक भागीदारी INSTC के आर्कटिक संसाधनों को भारत तक पहुंचाने के लिए प्रतिबध है. INSTC अपने आप में भारत के लिए बहुत मायने रखता है, क्योंकि ये चीन के BRI (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) का विकल्प प्रदान करता है.
INSTC, इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर है, जिसके माध्यम से भारत रूस से व्यापार करता है. INSTC को भारत को रूस से जोड़ने वाले सबसे छोटा व्यापार रूट माना जाता है. यह रूट 7,200 किलोमीटर लंबा है. यह कॉरिडोर सेंट्रल एशिया (Central Asia) और भारत के बीच व्यापार के खर्च को पारंपरिक रूट की तुलना में कम से कम 30 फीसदी सस्ता कर देता है. इसके अलावा नया रूट समय की भी बचत कराता है.
भारत और रूस के संबंध (India Russia Relations) दशकों बेहतर रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच बढ़े व्यापार (India Russia Trade) से यह बात साफ होती है. आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल के बाद से भारत ने रूस से 50 गुना ज्यादा कच्चा तेल (Crude Oil Import From Russia) खरीदा है. अब भारत के टोटल क्रूड ऑयल इम्पोर्ट (India Crude Oil Import) में रूस की हिस्सेदारी 10 फीसदी पर पहुंच गई है.
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