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गोल्ड निवेशको के लिए Good news, यहां पढ़े पूरी खबर

Tara Tandi
3 Aug 2021 10:31 AM GMT
गोल्ड निवेशको के लिए Good news, यहां पढ़े पूरी खबर
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कोरोना काल में अगस्त 2020 में गोल्ड अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोरोना काल में अगस्त 2020 में गोल्ड अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था. डोमेस्टिक मार्केट में यह उस स्तर से करीब 9000 रुपए सस्ता है. एक फंड मैनेजर का कहना है कि अगले 3-5 सालों में गोल्ड का रेट वर्तमान के मुकाबले डबल हो सकता है. उनके मुताबिक, दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों और सरकार ने सिस्टम में लिक्विडिटी की बाढ़ ला दी है. इसका असर कितना खतरनाक हो सकता है, फिलहाल इसकी चर्चा नहीं की जा रही है.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, Quadriga Igneo fund के फंड मैनेजर डियागो परिल्ला जो करीब 250 मिलियन डॉलर का फंड मैनेज करते हैं, उनका कहना है कि एक्सेस लिक्विडिटी का परिणाम गंभीर होगा. कम इंट्रेस्ट रेट के कारण असेट बबल तैयार हो गया है. जब यह बबल फूटेगा तो इसे संभालना दुनिया के सेंट्रल बैंकों के लिए मुश्किल हो जाएगा. Diego Parrilla ने साल 2016 में अनुमान लगाया था कि अगले पांच सालों में सोना रिकॉर्ड हाई पर पहुंच जाएगा. उनका यह अनुमान बिल्कुल सही रहा.

5000 डॉलर तक पहुंच सकता है सोना

उन्होंने कहा कि अगले 3-5 सालों में इंटरनेशनल मार्केट में सोना 3000-5000 डॉलर प्रति आउंस के स्तर पर होगा. अगस्त 2020 में सोना 2075 डॉलर प्रति आउंस के ऑल टाइम हाई पर पहुंचा था. इस समय यह 1800 डॉलर के रेंज में चल रहा है. इस समय 10 साल का अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 1.25 फीसदी के स्तर पर बना हुआ है जो इसका ऑल टाइम लो है.

अन्य एक्सपर्ट्स की राय इससे उलट

Diego Parrilla का कमोडिटी मार्केट में 25 वर्षों से ज्यादा का अनुभव है. वे गोल्डमैन सैक्श और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच जैसे संस्थानों में काम कर चुके हैं. कमोडिटी मार्केट के अन्य जानकारों का कहना है कि जैसे-जैसे आर्थिक सुधार में तेजी आएगी, सोने की कीमत में गिरावट आएगी. इस साल के अंत तक इसे घटकर 1700 डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है. यह अनुमान UBS Group के प्रीसिसय मेटल एक्सपर्ट्स का है.

पैसे की छपाई कर समस्या को टाल रहे हैं सेंट्रल बैंक

Diego Parrilla का कहना है कि दुनिया भर के सेंट्रल बैंक इस समय बेहिसाब पैसा छाप रहे हैं. इससे समस्या को टाला जा रहा है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. ऐसे में जब हालात बेहतर होंगे तो इसके गंभीर परिणाम दिखाई देंगे.

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