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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: देश के खेतिहर जमीनों की उत्पादकता में लगातार कमी आ रही है. विशेषज्ञ इसके पीछे किसानों द्वारा हर साल एक ही तरह की खेती के साथ रासायनिक उर्वरकों के बेवजह के इस्तेमाल को सबसे बड़ा कारण बताते हैं. यही वजह है कि सरकार किसानों को हर साल अलग-अलग फसलों खेती करने के लिए प्रोत्साहित करती रहती है.
फसल विविधीकरण योजना के तहत हरियाणा सरकार किसानों को आर्थिक मदद दे रही है. हरियाणा के सात जिलों भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, हिसार और नूंह के किसान इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. सरकार ने किसानों बाजरे की खेती के लिए दलहनी और तिलहनी की फसलों पर प्रति एकड़ 4 हजार रुपये दे रही है.
किसानों को दलहन फसलों में मूंग, अरहर व उड़द, तिलहन फसलों में अरंड, मूंगफली व तिल आदि की फसलों पर को प्रति एकड़ 4 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. इससे दलहन के क्षेत्र में फसलों का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों के साथ देश के दलहन निर्यात में भी बढ़ोत्तरी होगी. वहीं तिलहन की फसलें लगाने से खाद्य तेल की कमी को काफी हद तक पूरा किया जा सकता है.
सरकार की फसल विविधीकरण योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक हैं तो आपको मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा. आपके फॉर्म के सत्यापन के बाद योजना की राशि आपके खाते ट्रांसफर कर दी जाएगी.
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