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1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 के लिए महंगाई भत्ता रिवीजन को फ्रीज किया गया है.
केंद्र के 50 लाख से ज्यादा कर्मचारी और 60 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को 1 जुलाई से महंगाई भत्ता के बढ़ने का इंतजार है. माना जा रहा है कि सरकार महंगाई भत्ता के साथ-साथ नाइट ड्यूटी अलाउंस (Night Duty Allowance) को लेकर भी फैसला ले सकती है. कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ता में इजाफा 1 जनवरी 2020 से रोक दिया गया है.
डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग की तरफ से वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में नाइट ड्यूटी अलाउंस को गाइडलाइन जारी की गई थी. हालांकि कोरोना महामारी के कारण इस पर फिलहाल रोक लगी हुई है. DoPT की गाइडलाइन के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों को अलग से नाइट ड्यूटी अलाउंस मिलेगा. यह ग्रेड पे आधारित नहीं होगा. अभी तक ग्रेड पे के आधार पर नाइट ड्यूटी अलाउंस मिलता है.
नए नियम के तहत रात में 10 बजे से सुबह के 6 बजे तक काम करने पर नाइट अलाउंस का फायदा मिलेगा. DoPT की गाइडलाइन की जुलाई 2020 की गाइडलाइन के मुताबिक, अगर किसी का बेसिक पे 43600 रुपए से ज्यादा है तो उसे नाइट ड्यूटी अलाउंस का फायदा नहीं मिलेगा. अभी के नियम के मुताबिक रात में 1 घंटे काम करने पर दिन के 10 मिनट के बराबर सैलरी का फायदा मिलता है.
इसके अलावा सरकार ने नाइट अलाउंस के लिए एक फॉर्म्युला भी तैयार किया है. अलाउंस का कैलकुलेशन हर घंटे के आधार पर होगा. एक कर्मचारी के बेसिक पे और महंगाई भत्ता का 200वां हिस्सा (DA+BP/200) प्रति घंटे का अलाउंस होगा. इसमें बेसिक पे और डियरनेस अलाउंस का कैलकुलेशन सातवें वेतन आयोग के हिसाब से किया जाएगा.
वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने मार्च में संसद में कहा था कि सरकार 1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ता को दोबारा बहाल करेगी. अभी महंगाई भत्ता 17 फीसदी है. माना जा रहा है कि 1 जुलाई से यह बढ़कर 28 फीसदी हो जाएगा. महंगाई भत्ता बढ़ जाने से नाइट अलाउंस भी बढ़ जाएगा. कोरोना के कारण 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 के लिए महंगाई भत्ता रिवीजन को फ्रीज किया गया है.
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