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खुशखबरी! किसानों की होगी लाखों की बचत, अब पुराने ट्रैक्टर में फिट करा सकेंगे CNG किट

Gulabi
12 Feb 2021 1:42 PM GMT
खुशखबरी! किसानों की होगी लाखों की बचत, अब पुराने ट्रैक्टर में फिट करा सकेंगे CNG किट
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किसान अब अपने पुराने ट्रैक्टर में भी CNG किट फिट करा सकेंगे.

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्रैक्टर लॉन्च के समय बताया कि किसान अब अपने पुराने ट्रैक्टर में भी CNG किट फिट करा सकेंगे. इसकी विस्तृत जानकारी जल्द जारी होगी. उन्होंने बताया कि कृषि में ट्रैक्टर के इस्तेमाल से औसत प्रति घंटा 4 लीटर डीजल लगता है (खर्च ट्रैक्टर के हार्सपावर पर निर्भर करता है) इसका खर्च 78 रुपए प्रति लीटर के अनुसार 312 रुपए आता है. वहीं, सीएनजी से ट्रैक्टर चलने में 4 घंटे में 180 रुपए के करीब सीएनजी खर्च होने का अनुमान है. एक अनुमान के मुताबिक, इससे किसानों को सालाना 1 लाख रुपये का फायदा होगा.


सड़क परिवहन मंत्रालय ने सीएनजी ट्रैक्‍टर के लिए स्टैंडर्ड तय किए गए हैं. इन्हीं के अनुसार ट्रैक्‍टर बाजार में उपलब्‍ध होंगे.ट्रैक्टर में सीएनजी किट लगाई जाएगी, जिससे खेती पर आने वाले खर्च को कम किया जा सकेगा.

नितिन गडकरी ने ट्रैक्टर की लॉन्चिंग के समय बताया कि अन्य सीएनजी वाहनों की तरह शुरुआत में इसे भी स्टार्ट करने के लिए डीजल की जरुरत होगी. इसरे बाद ये सीएनजी से चलेगा.

केन्‍द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि सीएनजी किट मेक इन इंडिया के तहत बनाने की तैयारी है. उन्‍होंने कहा कि कृषि में इस्‍तेमाल होने अन्‍य उपकरणों को भी बायोसीएनजी में कनवर्ट करने की योजना है.

देश में करीब 60 फीसदी कारें, ट्रक, बस और ट्रैक्टर डीजल से चलते हैं. कुल खपत होने वाले डीजल का 13 फीसदी ट्रैक्टर, कृषि उपकरण और पंपसेट आदि में प्रयोग होता है.

एक डीजल वाहन 7-8 पेट्रोल वाहनों जिनता प्रदूषण फैलाता है. यानी एक टैक्ट्रर 7-8 पेट्रोल कारों जितना या इससे भी अधिक प्रदूषण फैलता है, क्योंकि ट्रैक्टर में कारों के मुकाबले पावर अधिक होती है.



सस्‍ती पड़ेगी बायो-CNG
7 किलो पराली से 1 किलो बायोसीएनजी तैयार की जा सकेगी. इसे बनाने में करीब 15 रुपए प्रति किलो का खर्च आएगा. पराली का खर्च 1200 से 1500टन के हिसाब से 10 रुपए के करीब होगा.

इस तरह बायोसीएनजी की लागत करीब 25 रुपए प्रति किलो आएगी. सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार अभी तो सीएनजी बाजार रेट में मिलेगी, लेकिन बायोसीएनजी का प्रयोग सफल होने पर उपयोग बढ़ेगा.जगह जगह प्लांट लगने के बाद बायोसीएनजी की उपलब्धता बढ़ेगी तो प्लांट में यह बाजार से भी सस्ती हो जाएगी.


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