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दिवाली तक हो सकता है सोना 50 हजारी, अभी अपने ऑल टाइम हाई से 8000 रुपये है सस्ता

Renuka Sahu
26 Oct 2021 3:57 AM GMT
दिवाली तक हो सकता है सोना 50 हजारी, अभी अपने ऑल टाइम हाई से 8000 रुपये है सस्ता
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फाइल फोटो 

देश भर के सर्राफा बाजार में सोने का भाव फिर 48 हजार रुपये के पार निकल गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश भर के सर्राफा बाजार में सोने का भाव फिर 48 हजार रुपये के पार निकल गया है। ऐसे में बुलियन विशेषज्ञों का माना है कि सोने की कीमत दिवाली तक 50,000 रुपये तक फिर पहुंच सकती है। आईआईएफएल सिक्योरिटीज में वाइस प्रेसिडेंट-कमोडिटीज अनुज गुप्ता ने को बताया कि हाल के दिनों में सोने में फिर तेजी लौटी है। इसकी वजह दुनियाभर के शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ने के साथ बढ़ती महंगाई है। साथ ही त्योहारी सीजन के चलते देश में भी सोने की मांग बढ़ी है। इससे बीते कुछ दिनों से सोने में लगातार तेजी देखने को मिल रही है।

वहीं, वैश्विक स्तर पर भी सोने का भाव 1,810 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के करीब पहुंच गया है। बीते महीने यह 1770 डॉलर के करीब था। ऐसे में इसकी उम्मीद बहुत है कि दिवाली तक घरेलू सर्राफा बाजार में सोना एक बार फिर 50 हजार प्रति 10 ग्राम के करीब या पार निकल सकता है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के मुताबिक, 25 अक्तूबर को 999 शुद्धता वाले 24 कैरेट सोने के रेट में 337 रुपये की बढ़त देखने को मिली। इसके साथ ही 24 कैरेट सोने का रेट बढ़कर 48142 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। वहीं, चांदी के भाव में 359 रुपये का उछाल आया। जानकारों का कहना है कि सोने और चांदी की कीमत में धनतेरस और दिवाली तक तेजी देखने को मिलेगी।
पांच हजार की तेजी चांदी में भी संभव
सर्राफा बाजार के विशेषज्ञों ने बताया कि दिवाली तक सोने के साथ चांदी में तेजी देखने को मिलेगी। घरेलू बाजार में चांदी की कीमत 65 हजार रुपये प्रति किलोग्राम के पार निकल गई है। यह दिवाली तक 70 हजार रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है। धनतेरस में चांदी के सिक्के और बर्तन की मांग खूब होती है। यह कीमत बढ़ाने का काम करेंगे। उद्योगिक मांग में भी चांदी की मांग बढ़ी है। यह तेजी को सपोर्ट करेंगे।
इन छह कारणों से सोने में लौटेगी तेजी
1. दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में कमजोरी
2. आईएमएफ द्वारा वैश्विक ग्रोथ अनुमान को घटाना
3. कच्चे तेल की तेजी से वैश्विक सुधार को झटका लगेगा
4. त्योहारों के चलते भारत-चीन में सोने के गहने की मांग बढ़ी
5. दुनिया सहित भारतीय शेयर बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव
6. कोरोना की दहशत अभी बनी हुई, सुरक्षित निवेश का जरिया
निवेश के लिए बढ़िया समय
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया ने हिन्दुस्तान को बताया कि बीते साल सोना 56 हजार के अपने उच्च्तम स्तर से करीब 8000 रुपये सस्ता है। इस साल अब तक सोने ने निवेशकों को नकारात्मक रिटर्न ही दिया है। हालांकि, अब एक बार फिर जो वैश्विक हालात बन रहे हैं वो सोने में तेजी को सपोर्ट करेंगे। ऐसे में मौजूदा समय में किया निवेश पर बेहतर रिटर्न मिलने की पूरी संभावना है। निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश कर शानदार रिटर्न पा सकते हैं।
सोने में 182 रुपये की तेजी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 182 रुपये की मजबूती के साथ 47,023 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। हालांकि, चांदी की कीमत 178 रुपये की गिरावट के साथ 64,721 रुपये प्रति किलोग्राम रह गयी। पिछले कारोबारी सत्र में यह 64,899 रुपये प्रति किलो के भाव पर बंद हुई थी। वहीं, दूसरी ओर मजबूत हाजिर मांग के बीच सटोरियों ने ताजा सौदों की लिवाली की, जिससे स्थानीय वायदा बाजार में सोमवार को सोने का भाव 228 रुपये बढ़कर 48,025 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया।
गोल्ड बॉन्ड में निवेश का बेहतरीन मौका
सॉवरेन गोल्ड बांड की सातवीं सीरीज शुरू हो चुकी है। आरबीआई भारत सरकार की तरफ से सॉवरेन गोल्ड बांड जारी करता है। वित्‍त मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, सॉवरेन गोल्ड बांड की नई सीरीज 25-29 अक्तूबर 2021 के दौरान 4,765 रुपये प्रति ग्राम पर बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि गोल्ड बॉन्ड में निवेश का बेहतरीन मौका है क्योंकि इसमें सोना बाजार दर से सस्ता मिल रहा है। यानी आने वाले दिनों में कीमत बढ़ने पर बेहतर रिटर्न मिलना तय है।
गोल्ड लोन की मांग में उछाल
क्रिसिल रेटिंग की रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक गतिविधियों में तेजी और त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ छोटे उद्यमों और आम लोगों से गोल्ड लोन की मांग बढ़ी है, जिससे कार्यशील पूंजी और व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। गौरतलब है कि गोल्ड लोन सबसे आसानी से और सबसे कम समय में मिलने वाला कर्ज है। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, 27 अगस्त तक गोल्ड लोन 62,926 करोड़ रुपये था, जो सालाना आधार पर 66% अधिक है।


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