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Gold Latest Outlook: सोने की कीमतों को लेकर भविष्यवाणी - 5 साल में 1 लाख रुपये के पार जा सकती हैं कीमतें

Renuka Sahu
5 Aug 2021 3:39 AM GMT
Gold Latest Outlook: सोने की कीमतों को लेकर भविष्यवाणी - 5 साल में 1 लाख रुपये के पार जा सकती हैं कीमतें
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फाइल 

सोने की कीमतों को लेकर तमाम अनुमान लगते रहते हैं, लेकिन एक Quadriga Igneo fund को संभालने वाले डिएगो पैरिला की भविष्यवाणी ने सनसनी पैदा कर दी है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Gold Latest Outlook: सोने की कीमतों को लेकर तमाम अनुमान लगते रहते हैं, लेकिन एक Quadriga Igneo fund को संभालने वाले डिएगो पैरिला की भविष्यवाणी ने सनसनी पैदा कर दी है. उनका मानना है कि गोल्ड अगले तीन से पांच सालों में ही बढ़कर 3,000-5,000 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच सकता है. ये उन लोगों के लिए आंखों में चमक पैदा करने वाली खबर है जो सोने में निवेश करना चाहते हैं.

भारत में सोना जाएगा 1 लाख रुपये के पार!
हालांकि, घरेलू मार्केट में गोल्ड की कीमतों में अभी सुस्ती है, लेकिन यहां भी एक्सपर्ट्स ये अनुमान जता चुके हैं कि सोने की कीमतें इस साल 60,000 रुपये के पार चली जाएंगी, इतना ही नहीं, दिवाली तक सोने के 52,000 रुपये तक जाने के भी अनुमान लगाए जा चुके हैं. अगर डिएगो पैरिला की भविष्यवाणी को भारत के संदर्भ में लागू करें तोअगले तीन साल में भारत में सोने का भाव 78,690 रुपए से 1,31,140 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच जाएगा. पिछले कुछ हफ्तों से सोना 47,000-48,000 रुपए के बीच ही घूम रहा है. USB ग्रुप के रणनीतिकारों का कहना है कि इस साल सोने में और गिरावट आएगी और यह 44,600 तक पहुंच सकता है. यह गिरावट 2022 में भी जारी रहेगी.
राहत पैकेजों से नुकसान ज्यादा
फंड मैनेजर डिएगो के इस अनुमान के पीछे की वजह भी ठोस है. उनका कहना है कि सोने की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच सकती हैं. क्योंकि कई देशों में दिए जा रहे राहत पैकेज से सेंट्रल बैंकों को होने वाली मुश्किलों के बारे में निवेशकों को ज्यादा जानकारी नहीं है. ये वही डिएगो हैं जिन्होंने इससे पहले साल 2016 में अनुमान जताया था कि सोना पांच सालों के अंदर एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा.
खतरनाक असेट बबल बने हैं
सोना पिछले साल दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी के बीच 2,075.47 डॉलर प्रति औंस के अपने अभी तक के ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंचा था. हालांकि, कुछ समय से ये 1800 डॉलर प्रति औंस के आस-पास ही घूम रहा है. उन्होंने कहा कि खराब मॉनिटरी और फिस्कल पॉलिसीज की वजह से लंबी अवधि में होने वाले नुकसान के बारे में ज्यादा जागरूकता नहीं है. ब्याज दरों को जानबूझकर कम रखने से ऐसे असेट बबल बने हैं जिनके फूटने पर भारी नुकसान हो सकता है, और तब केंद्रीय बैंकों के लिए ऐसे हालात से निपटना और वापस सामान्य स्थिति में लौटना मुश्किल हो सकता है.
केंद्रीय बैंकों का स्थिति पर नियंत्रम नहीं
फंड मैनेजर डिएगो का कहना है कि अमेरिका में फेडरल रिजर्व के पॉलिसी को सख्त करने का संकेत देने के बाद जून 2021 में सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई थी. डिएगो का मानना है कि केंद्रीय बैंकों का स्थिति पर वैसा नियंत्रण नहीं है, जैसा लोग सोच रहे हैं. परिल्ला ने कहा, "मैं अपनी इस बात पर कायम हूं कि अगले 3 से 5 साल में सोने के भाव $5000 प्रति औंस तक पहुंच सकते हैं."

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