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कई लीज एग्रीमेंट्स पर डिफॉल्ट कर चुकी है. इससे कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
वाडिया ग्रुप की बजट एयरलाइंस गोएयर आईपीओ से 36 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है. आईपीओ के लिए गो एयर ने अप्लाई कर दिया है. गोएयर ने ऐसे वक्त में आईपीओ के जरिये फंड जुटाने का फैसला किया है, जब कोरोना संक्रमण की वजह से एयरलाइंस कंपनियों का बुरा हाल है. सेबी में दाखिल किए गए अपने ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट में गोएयर ने कहा है कि वह आईपीओ के जरिये फंड का इस्तेमाल अपने कर्ज और बकायों का भुगतान करने में करेगी. गोएयर ने हाल में खुद को गो फर्स्टलाइन को तौर पर री-ब्रांड किया है.
कर्ज और बकाये के भुगतान में करेगी फंड को खर्च
गोएयर की योजना नए शेयर जारी कर 3600 करोड़ रुपये जुटाने की है. इसमें से 2015 करोड़ रुपये यानी 56 फीसदी का इस्तेमाल कंपनी पर कर्ज का समय से पहले या निर्धारित अवधि पर भुगतान करने की योजना है. इसके अलावा यह फंड का कुछ हिस्सा अपनी कुछ बकाया रकम चुकाने के लिए भी खर्च करेगी. इसमें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के 254 करोड़ रुपये शामिल हैं. इसके बाद एयरलाइन के पास विस्तार और कंपनी की अन्य जरूरतों के लिए 1,000 करोड़ रुपये से कुछ अधिक बचेंगे.
कोरोना काल में लिस्टिंग की चुनौतियां बढ़ीं
इससे पहले भी गोएयर ने आईपीओ लाने की योजना बनाई थी लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी थी. कंपनी ऐसे समय में लिस्टिंग कराने की कोशिश कर रही है जब एविएशन इंडस्ट्री की चुनौतियां काफी बढ़ गई हैं. कोरोना संक्रमण की वजह से एयर ट्रैवल कम हो जाने की वजह से देश की सभी एयरलाइंस की तरह गोएयर को भी नुकसान हुआ है. देश की सबसे बड़ी एयरलाइन, इंडिगो का कहना है कि उसने विमानों की लीज पेमेंट पर डिफॉल्ट नहीं किया है लेकिन गोएयर अपने कई लीज एग्रीमेंट्स पर डिफॉल्ट कर चुकी है. इससे कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
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