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सिबिल स्कोर से लोन मिलना होगा आसान, इन 6 बातों का रखें ध्यान

Bhumika Sahu
12 Oct 2021 3:48 AM GMT
सिबिल स्कोर से लोन मिलना होगा आसान, इन 6 बातों का रखें ध्यान
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अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 से कम है, तो कर्जदाता आपके लोन ऐप्लीकेशन को रिजेक्ट कर देता है. इसलिए क्रेडिट स्कोर अच्छा रहना जरूरी है. आइए ऐसी कुछ टिप्स को जानते हैं, जिनकी मदद से आप अपने सिबिल स्कोर को बेहतर कर सकते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लोन लेने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजों में आपका सिबिल स्कोर शामिल है. चाहे वह होम लोन हो, व्हीकल लोन, पर्सनल लोन या किसी दूसरी तरह का लोन, बैंक हमेशा व्यक्ति का सिबिल स्कोर चेक करते हैं. इसे क्रेडिट स्कोर भी कहा जाता है. यह एक दस्तावेज है, जिसमें कर्जधारक के क्रेडिट बिहेवियर की जानकारी मिलती है. बैंक कर्जधारक के क्रेडिट स्कोर की मदद से यह देखते हैं कि वे समय पर लोन को चुकाते हैं या नहीं. सिबिल स्कोर के जरिए, ये चेक कर सकते हैं कि क्या व्यक्ति ने किसी लोन की पेमेंट पर डिफॉल्ट किया है या उसने किसी ईएमआई का भुगतान नहीं किया.

अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 से कम है, तो कर्जदाता आपके लोन ऐप्लीकेशन को रिजेक्ट कर देता है. इसलिए क्रेडिट स्कोर अच्छा रहना जरूरी है. आइए ऐसी कुछ टिप्स को जानते हैं, जिनकी मदद से आप अपने सिबिल स्कोर को बेहतर कर सकते हैं.
अपने कर्ज को समय पर चुकाएं
चाहे वह आपके क्रेडिट कार्ड का बिल हो या लोन की ईएमआई, यह जरूरी है कि आप अपने कर्ज को समय पर चुकाएं. किसी बकाया राशि को दोबारा भुगतान करने से चूकने पर आपकी क्रेडिट रेटिंग पर असर होता है. आपको खासकर इस बात को ध्यान में रखने की जरूरत है कि आप लोन की ईएमआई का भुगतान कर दें, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर जुर्माना लगता है, और इससे क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ता है. अपनी लोन के रिपेमेंट करने की तारीख को न भूलें और समय पर भुगतान करें.
ज्यादा लोन न लें
सिबिल स्कोर को सुधारने का एक अच्छा तरीके है कि आप यह सुनिश्चित करें कि आप एक समय पर ज्यादा लोन न लें. यह सुनिश्चित करें कि आपने दूसरा लोन लेने से पहले अपना पहला लोन चुका दिया है. इससे आपका क्रेडिट स्कोर नहीं घटता है. अगर आप एक समय पर ज्यादा लोन लेते हैं, तो इससे आपके कर्जदाता को लगता है कि उसे चुकाने के लिए आपके पास पर्याप्त फंड नहीं रहेंगे.
सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन साथ में लेकर रखें
ज्यादातर लोगों को जीवन की अलग-अलग जरूरतों को पूरा करने के लिए कई तरह के लोन लेने पड़ते हैं. लेकिन जब आप लोन लेते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि इसमें सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन का मिक्स रहे. जहां होम लोन और कार लोन सिक्योर्ड लोन में आते हैं. वहीं, क्रेडिट कार्ड डेट या पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन हैं. इसलिए बैलेंस बनाकर रखना जरूरी है.
अपनी पूरी क्रेडिट लिमिट को खर्च न करें
क्रेडिट स्कोर को सुधारने की बात करते हैं, तो इसका एक तरीका है कि अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर्जदाताओं द्वारा दी गई आखिरी सीमा तक नहीं करें. एक महीने में अपने कार्ड पर दी गई क्रेडिट लिमिट का केवल 30 फीसदी ही खर्च करें. उदाहरण के लिए, अगर आपकी क्रेडिट लिमिट दो लाख रुपये प्रति महीना है, तो कोशिश करें कि आपका महीने में खर्च केवल 60 हजार रुपये तक रहे.
क्रेडिट लिमिट को बढ़ाएं
अगर आपका क्रेडिट चुकाने का बर्ताव अच्छा रहता है, तो आपका बैंक आपसे अपने क्रेडिट कार्ड पर क्रेडिट लिमिट बढ़ाने के लिए कह सकता है. यह बेहतर रहेगा, अगर आप इस बढ़ी हुई क्रेडिट लिमिट को न जानें दें. क्रेडिट लिमिट को बढ़ाने का मतलब यह नहीं है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड से खर्च को बढ़ा दें. क्रेडिट लिमिट को ज्यादा रखें, लेकिन खर्च को सीमित करें, जिससे आपका सिबिल स्कोर बेहतर हो.
अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई गलती न रहने दें
आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कुछ ऐसी गलतियां हो सकती हैं, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर घट सकता है. उदाहरण के लिए, आपने अपना पर्सनल लोन पूरा चुकाया है, लेकिन ऐसा हो सकता है कि कुछ एरर की वजह से अभी भी अनपेड ही रहे. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपना क्रेडिट स्कोर चेक करें और सुनिश्चित करें कि यह एरर फ्री है.


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