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इस सरकारी स्कीम में निवेश पर पाएं ब्याज, आसान लोन और टैक्स छूट का फायदा, जानें डिटेल्स

Bhumika Sahu
27 Feb 2022 2:52 AM GMT
इस सरकारी स्कीम में निवेश पर पाएं ब्याज, आसान लोन और टैक्स छूट का फायदा, जानें डिटेल्स
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पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भी शामिल है. आइए इस स्कीम के बारे में डिटेल में जानते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर आप आने वाले दिनों में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम्स (Saving Schemes) में कर सकते हैं. इन स्कीम्स में आपको अच्छा रिटर्न तो मिलता ही है. साथ में, इसमें निवेश किया गया पैसा भी पूरी तरह सुरक्षित रहता है. अगर बैंक डिफॉल्ट (Bank Default) होता है, तो आपको 5 लाख रुपये की ही राशि वापस मिलती है. लेकिन डाकघर (Post Office) में ऐसा नहीं है. इसके अलावा पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम्स में बेहद कम राशि से निवेश (Investment) शुरू किया जा सकता है. पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भी शामिल है. आइए इस स्कीम के बारे में डिटेल में जानते हैं.

ब्याज दर
पोस्ट ऑफिस में पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ स्कीम में मौजूदा समय में सालाना 7.1 फीसदी की ब्याज दर मौजूद है. इस स्मॉल सेविंग्स स्कीम में ब्याज को सालाना आधार पर कंपाउंड किया जाता है. यह ब्याज दर 1 अप्रैल 2020 से लागू है.
निवेश की राशि
इस स्मॉल सेविंग्स स्कीम में एक वित्त वर्ष के दौरान कम से कम 500 रुपये का निवेश किया जा सकता है. वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकेगा. इस योजना में जमा एकमुश्त या किस्तों में किया जा सकता है.
कौन खोल सकता है अकाउंट?
डाकघर में पीपीएफ अकाउंट भारत में रहने वाला वयस्क खोल सकता है. इसके अलावा योजना में नाबालिग या कमजोर दिमाग के व्यक्ति की ओर से अभिभावक खाता खोल सकता है. इस बात का ध्यान रखें कि देश भर में पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक में केवल एक अकाउंट ही खोला जा सकता है.
टैक्स छूट
इस स्कीम में जमा की गई राशि पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन के लिए क्लेम किया जा सकता है.
मैच्योरिटी
पोस्ट ऑफिस में पीपीएफ अकाउंट 15 वित्त वर्ष के बाद मैच्योर होगा, जिसमें अकाउंट खोलने वाला वित्त वर्ष शामिल नहीं है. इसमें मैच्योरिटी के बाद व्यक्ति के पास कई विकल्प मौजूद होते हैं. पहला, निवेशक अकाउंट बंद कराने के फॉर्म के साथ पासबुक संबंधित पोस्ट ऑफिस में जमा करा सकता है और मैच्योरिटी की पेमेंट ले सकता है. इसके अलावा व्यक्ति बिना किसी डिपॉजिट किए अकाउंट में मैच्योरिटी वैल्यू को बरकरार रख सकता है. इसमें पीपीएफ की ब्याज दर लागू होगी और भुगतान किसी भी समय पर हर वित्त वर्ष में एक विद्ड्रॉल किया जा सकता है. व्यक्ति आगे पांच साल की अवधि के लिए अपने अकाउंट को आगे बढ़ा सकता है. इसके लिए संबंधित पोस्ट ऑफिस में उपयुक्त फॉर्म को सब्मिट करना होगा.
लोन की सुविधा
पोस्ट ऑफिस में जिस वित्त वर्ष में शुरुआती सब्सक्रिप्शन लिया गया था, उसके आखिर से एक साल की अवधि खत्म होने के बाद, लोन लिया जा सकता है. उदाहरण के लिए अगर अकाउंट 2010-11 के दौरान खोला गया है, तो 2012-13 में लोन लिया जा सकता है. यह लोन जिस साल में सब्सक्रिशन किया गया था, उसके आखिर से पांच साल पूरे होने से पहले लिया जा सकेगा. लोन की राशि जिस साल में अप्लाई किया गया है, उससे पहले के दूसरे साल के आखिर में बैलेंस की 25 फीसदी तक होगी.


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