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भारतीय चुनाव आयोग ने 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर डिजिटल वोटर आईडी कार्ड की शुरुआत की है.
भारतीय चुनाव आयोग ने 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर डिजिटल वोटर आईडी कार्ड की शुरुआत की है. इस डिजिटल वोटर आईडी कार्ड को इलेक्ट्रॉनिक इलेक्टोरल फोटो आइडेंटिटी कार्ड (e-EPIC) भी कहा जाता है. यह ई-आधार की तरह होता है और आप इसे प्रिंट भी कर सकते हैं.
आपको बता दें कि इस कार्ड को एडिट नहीं किया जा सकता है और 31 जनवरी तक इसे वो लोग डाउनलोड कर सकते हैं जिन्होंने पिछले साल नवंबर और दिसंबर में वोटर आईडी कार्ड के लिए आवेदन किया था. इसके बाद अगले महीने की एक तारीख से यह अन्य लोगों के लिए उपलब्ध होगा. इसके साथ-साथ वे लोग इसे मुफ्त में डुप्लीकेट कार्ड को डाउनलोड कर सकते हैं जिनके कार्ड खो गए हैं. अभी की बात करें तो डुप्लीकेट कार्ड के लिए 25 रुपये का शुल्क लिया जाता है.
e-EPIC यानी डिजिटल वोटर ID कार्ड डाउनलोड करने के लिए फॉलो करें ये स्टेप्स…
– सबसे पहले चुनाव आयोग की साइट voterportal.eci.gov.in पर जाएं और अपनी जानकारी देकर अकाउंट बनाएं.
– अकाउंट बनाने के बाद लॉग इन करें या फिर जिनके पास पहले से अकाउंट है वो अपने क्रिडेंशियल्स डाल कर इसमें लॉगिन करें. इसके बाद "e-EPIC डाउनलोड करें" के मेन्यू पर जाएं.
– ऐसा करने के बाद आपको अपना अपना e-EPIC नंबर या रेफरेंस नंबर दर्ज करना होगा और फिर आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा.
– OTP सबमिट करने के बाद "e-EPIC डाउनलोड करें" और अपना डिजिटल कार्ड डाउनलोड करें.
– यदि कार्ड पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर अलग है तो आपको कार्ड डाउनलोड करने के लिए नो योर कस्टमर (केवाईसी) प्रक्रिया को पूरा करना पड़ेगा.
– KYC के जरिए आप अपना नंबर अपडेट कर सकते हैं और उसके बाद डिजिटल वोटर आईडी कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं.
– अगर आपने अपना e-EPIC नंबर खो दिया है, तो आप इसे voterportal.eci.gov.in पर चेक कर सकते हैं.
– इन सबके अलावा आप अपने मोबाइल में वोटर ऐप डाउनलोड कर भी डिजिटल वोटर आईडी कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं. इस ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.
कैसे होगा डिजिटल वोटर आईडी कार्ड का इस्तेमाल
आपको बता दें कि जल्द ही पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में चुनाव होने वाले हैं ऐसे में वोटिंग के दौरान डिजिटल कार्ड का इस्तेमाल वोट डालने के लिए किया जा सकता है. इस कार्ड के अन्य फायदे की बात करें तो इससे वोटर को बार-बार नया कार्ड बनवाने की दिक्कत खत्म हो जाएगी. जब भी एड्रेस में बदलाव होगा तो उसके बाद नया कार्ड लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
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