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रत्न-आभूषण निर्यात 12.5 अरब डॉलर पर पहुंचा, अकेले जुलाई में एक्सपोर्ट में आई 18% की तेजी

HARRY
16 Aug 2021 6:24 PM GMT
रत्न-आभूषण निर्यात 12.5 अरब डॉलर पर पहुंचा, अकेले जुलाई में एक्सपोर्ट में आई 18% की तेजी
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चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों के कटिंग और पालिश किए गए हीरे के निर्यात में 27 फीसद की वृद्धि हुई और यह 8.52 अरब डालर के स्तर पर पहुंच गया है। जबकि 2019-20 की समान अवधि में यह 6.7 अरब डालर था।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों के कटिंग और पालिश किए गए हीरे के निर्यात में 27 फीसद की वृद्धि हुई और यह 8.52 अरब डालर के स्तर पर पहुंच गया है। जबकि 2019-20 की समान अवधि में यह 6.7 अरब डालर था।इस वर्ष अप्रैल से जुलाई के दौरान रत्न और आभूषण निर्यात 6.04 फीसद बढ़कर 12.5 अरब डालर (वर्तमान भाव पर 92,500 करोड़ रुपये से अधिक) हो गया है। वित्त वर्ष 2019-20 की समान अवधि के दौरान यह 11.8 अरब डालर था। अमेरिका, चीन और हांगकांग जैसे बाजारों में तेजी के चलते निर्यात में यह वृद्धि दिखाई दी है।

रत्न और आभूषण उद्योग के संगठन जीजेईपीसी ने सोमवार को कहा कि अकेले जुलाई में निर्यात 18 फीसद बढ़कर 3.36 अरब डालर यानी लगभग 25,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। 2020-21 की अप्रैल से जुलाई अवधि में रत्न और आभूषणों का निर्यात 3.87 अरब डालर रहा था। संगठन ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के निर्यात के आंकड़ों की तुलना 2019-20 से इसलिए की गई क्योंकि महामारी से प्रभावित पिछले वर्ष की तुलना से निर्यात की सही तस्वीर दिखाई नहीं देती है।
जीजेईपीसी के चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा कि वैश्विक बाजार में लगातार सुधार, उपभोक्ताओं द्वारा खर्च में हुई वृद्धि और आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए आने वाले महीनों में निर्यात और बढ़ेगा। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों के कटिंग और पालिश किए गए हीरे के निर्यात में 27 फीसद की वृद्धि हुई और यह 8.52 अरब डालर के स्तर पर पहुंच गया है। जबकि 2019-20 की समान अवधि में यह 6.7 अरब डालर था।
सोने के आभूषणों का निर्यात 38.5 फीसद घटकर 2.41 अरब डालर रह गया है। चांदी के आभूषणों का निर्यात बढ़कर 84.3 करोड़ डालर हो गया है।
नए व्यवसाय के मौके मुहैया कराएगी स्क्रैपेज पालिसी
नई दिल्ली, पीटीआइ। वाहन उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक हाल ही में घोषित की गई स्क्रैपेज पालिसी नए व्यवसाय स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगी। परंपरागत आटो बाजार और सेक्टर में हाथ आजमाने वाले नए खिलाडि़यों के एक साथ आने से ऐसा संभव हो सकेगा, क्योंकि कई छोटे और मध्यम उद्योग फिटनेस टेस्टिंग सेंटर स्थापित करेंगे। सलाहकार फर्म अर्नस्ट एंड यंग (ईवाई) ने कहा कि स्क्रैपेज पालिसी एक नए तरह का आटो बाजार स्थापित करने में प्रमुख भूमिका अदा करेगी।
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पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित इस पालिसी पर टिप्पणी करते हुए डेलाय इंडिया ने कहा कि यह नीति ना केवल अतिरिक्त निवेश आकर्षित करने का काम करेगी बल्कि रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। नई नीति के तहत किसी वाहन के स्क्रैप में जाने का फैसला उसकी आयु के आधार पर नहीं, बल्कि फिटनेस पर निर्भर करेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि वाहनों की फिटनेस टेस्टिंग के लिए पूरे देश में 50 से 60 सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
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