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गौतम अडानी ने फिर बड़ी डील की, जानिए अब किस सेक्टर में

Nilmani Pal
19 Oct 2022 1:49 AM GMT
गौतम अडानी ने फिर बड़ी डील की, जानिए अब किस सेक्टर में
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दुनिया के चौथे और एशिया के सबसे अमीर इंसान गौतम अडानी (Gautam Adani) लगातार अपने कारोबार का विस्तार करते जा रहे हैं. अब उनके पोर्टफोलियो में एक और बड़ी कंपनी जुड़ गई है. मंगलवार को अडानी समूह (Adani Group) की कंपनी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (ADSTL) ने बड़ी डील की है. इसके तहत भारत के सबसे बड़े इंडिपेंडेंट एयरक्राफ्ट मेंटनेंस मरम्मत और ओवरहाल (MRO) ऑर्गेनाइजेशन एयर वर्क्स (Air works) के अधिग्रहण के लिए तय समझौतों पर साइन किए गए.

अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस (Adani Defence And Aerospace) की ओर से जारी की गई रिलीज के मुताबिक, देश के 27 शहरों में सबसे बड़े पैन इंडिया नेटवर्क वाली एयर वर्क्स अधिग्रहण को लेकर एक डील साइन की गई है. यह डील 400 करोड़ रुपये की है. अडानी ग्रुप की इस डिफेंस कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि एयर वर्क्स (Air Works) कंपनी प्रमुख रक्षा और एयरोस्पेस प्लेटफार्म्स के लिए देश के भीतर बड़े स्तर पर कारोबार कर रही है.

भारतीय वायु सेना के 737 वीवीआईपी विमानों के लैंडिंग गियर पर पहले पी-8आई विमान फेज 32 से फेज 48 चेक और एमआरओ तक, एयर वर्क्स अपने ईएएसए से विमान के एटीआर 42/72, ए320 और बी737 बेड़े के लिए आधार रख-रखाव करता है. एयर वर्क्स कंपनी के पास मुंबई, दिल्ली, होसुर और कोच्चि में EASA और डीजीसीए सर्टिफाइड (DGCA Certified) सुविधाएं हैं.

अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के सीईओ आशीष राजवंशी (Ashish Rajvanshi) ने इस डील को लेकर कहा कि भारत के विकास की संभावनाओं और हवाई संपर्क के विशाल नेटवर्क के जरिए राष्ट्र को जोड़ने के सरकार के फोकस को देखते हुए, यह जरूरी है कि भारत की एयरलाइन और एयरपोर्ट क्षेत्र का प्राथमिक विकास सबसे पहले हो. ऐसे में, रक्षा और नागरिक एयरोस्पेस क्षेत्र दोनों में रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल क्षेत्र की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो गई है.

उन्होंने कहा कि एयर वर्क्स में त्रुटिहीन क्षमताएं मौजूद हैं और 70 साल से अधिक का शानदार अनुभव है. आशीष राजवंशी ने आगे कहा कि अडानी ग्रुप की क्षमताओं के साथ मिलकर एक ऐसी इकाई तैयार होगी, जो वास्तव में आत्मनिर्भर भारत की झलक पेश करेगी.

एयर वर्क्स ग्रुप के एमडी और सीईओ डी आनंद भास्कर (D Anand Bhaskar) ने इस मौके पर कहा कि भारत में रक्षा और नागरिक विमानों के क्षेत्र के लिए एमआरओ हब बनने की क्षमता है. यह एयर वर्क्स और उसके कर्मचारियों के लिए अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस प्लेटफॉर्म के तहत शामिल होने का शानदार मौका है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सिविल और डिफेंस एमआरओ के साथ सरकार के नीतिगत पॉलिसी और विभिन्न पहल की मदद से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे.


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