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देश में महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही है. जब तक एक चीज़ सस्ती होती है, तब तक अन्य खाद्य वस्तुएँ महँगी हो जाती हैं। टमाटर, प्याज, अदरक और लाल मिर्च के बाद अब लहसुन की ऊंची कीमतें लोगों को रुला रही हैं. इससे आम जनता का बजट बिगड़ गया है. तीन से पांच महीने पहले 80 से 100 रुपये प्रति किलो मिलने वाला लहसुन अब खुदरा बाजार में 180 रुपये प्रति किलो से भी महंगा हो गया है.
लेकिन इसके बावजूद कई शहरों में लहसुन की कीमत 145 रुपये प्रति किलो से भी कम है.व्यापारियों का कहना है कि पिछले साल लहसुन का अधिक उत्पादन हुआ था. इससे बाजार में इसका रेट काफी नीचे गिर गया था. ऐसे में किसान लागत भी नहीं निकाल पाए। कई किसानों को भारी नुकसान हुआ था. ऐसे में वह कर्ज के तले दब गया। खासकर मध्य प्रदेश के किसानों को कीमतों में गिरावट के कारण भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. कई किसानों ने लहसुन को सड़क किनारे फेंक दिया था. यही कारण है कि इस साल किसानों ने नुकसान के डर से लहसुन की बहुत कम खेती की, जिससे लहसुन का उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम हो गया.
क्षति मुआवजा
जानकारों का कहना है कि मंडियों में लहसुन की आवक कम होने से कीमतें बढ़ रही हैं. जब तक नई फसल नहीं आएगी, दाम नहीं गिरेंगे. लेकिन, इस साल किसान लहसुन बेचकर मालामाल हो गए. कई किसानों ने पिछले साल हुए घाटे की भरपाई भी इस साल लहसुन बेचकर की.
इन शहरों में ये है कीमत
लेकिन, ऊंची कीमत के बावजूद देश में कई जगहों पर लहसुन काफी सस्ता बिक रहा है. अभी देश में सबसे सस्ता लहसुन जयपुर में मिल रहा है. यहां एक किलो लहसुन का रेट 140 रुपये है. इसके बाद बिहार की राजधानी पटना में लहसुन सस्ता बिक रहा है. पटना में एक किलो लहसुन के लिए लोगों को 141 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. खास बात यह है कि देश में सबसे ज्यादा लहसुन पैदा करने वाले राज्य मध्य प्रदेश में लहसुन बिहार से भी महंगा है. भोपाल में एक किलो लहसुन के लिए लोगों को 152 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.
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