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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ह्यूमन ऑर्गन को ट्रांसपोर्ट करने के लिए इंडियन ड्रोन टेक्नोलॉजी के पहले प्रोटोटाइप को पेश किया ताकि अस्पतालों में ऑर्गन ट्रांसप्लांट को आसान बनाया जा सके।
ड्रोन टेक्नोलॉजी के प्रोटोटाइप को डेवल्प करने में शामिल रहे एमजीएम हेल्थकेयर के निदेशक डॉ. प्रशांत राजगोपालन ने कहा, "फिलहाल ड्रोन का इस्तेमाल ऑर्गन वाले बॉक्स को 20 किमी. की दूरी तक ले जाने के लिए किया जा सकता है।"
शहर की एक ड्रोन कंपनी के साथ समझौता
राजगोपालन ने कहा कि उनके अस्पताल ने ऑर्गन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए शहर की एक ड्रोन कंपनी के साथ समझौता किया है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य ऑर्गन के ट्रांसपोर्ट में क्रांति लाना है।
ड्रोन के इस्तेमाल से समय की होगी बचत
ड्रोन के उपयोग से हवाई अड्डे से अस्पताल तक ह्यूमन ऑर्गन को ले जाने में काफी कम समय लगेगा, लेकिन अभी हवाई अड्डे से सड़क मार्ग के जरिये अंगों को ले जाने में अपेक्षाकृत अधिक समय लगता है।
इस क्षेत्र में होगी इनोवेशन की आवश्यकता
गडकरी ने कहा, "ह्यूमन ऑर्गन के बिना रुके ट्रांसपोर्ट और तेजी के महत्व को समझते हुए हमें जल्द ही ऑर्गन के ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में इनोवेशन की आवश्यकता होगी। ऐसा ही एक स्वागत योग्य सुझाव ड्रोन का उपयोग है।"
गडकरी ने इसे बताया बहुत ही नई सोच
गडकरी ने कहा कि यह ह्यूमन ऑर्गन के ट्रांसपोर्ट की समस्या को हल करने के लिए एक बहुत ही नई सोच है। मैं रिसर्च और डेवल्पमेंट का हिस्सा बनने के लिए एमजीएम हेल्थकेयर की सराहना करता हूं। उन्होंने कहा कि बेहतर सड़क और हवाई संपर्क के माध्यम से ऑर्गन ट्रांसपोर्ट के मुद्दे को हल किया जा सकता है।
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