भारत सरकार गाड़ियों की फिटनेस जांच करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है, जिसका प्रयास बढ़ते प्रदूषण को रोकना है। सरकार अगले साल अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों के जरिए वाहनों की फिटनेस जांच अनिवार्य करने की योजना बना रही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि एटीएस के माध्यम से वाहनों के अनिवार्य फिटनेस परीक्षण के संबंध में एक मसौदा अधिसूचना जारी की गई है। आपको बता दें कि मौजूदा परिवेश में बढ़ते प्रदूषण के कारण यह कदम उठाया जा रहा है।
वाहनों की फिटनेस जांच
ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) वाहन की फिटनेस की जांच के लिए आवश्यक अलग-अलग परीक्षणों को ऑटोमेट करने के लिए मैकेनिकल इक्विपमेंट का इस्तेमाल करता है। सरकार प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए वाहनों के परीक्षण पर सख्त रवैया अपना रही है, जिसके संदर्भ में सरकार का कहना है कि इस प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। आपको बता दें, अधिसूचना के मसौदे के अनुसार 1 अप्रैल, 2023 से ATS के माध्यम से भारी माल वाहनों और भारी यात्री मोटर वाहनों के लिए फिटनेस परीक्षण अनिवार्य कर दिया जाएगा।
इस कड़ी में, इन वाहनों के मामले में मध्यम माल वाहनों, मध्यम यात्री मोटर वाहनों और हल्के मोटर वाहनों को 1 जून, 2024 से इसकी आवश्यकता अनिवार्य कर दी जाएगी।
जानें कब तक के लिए होगा मान्य
मसौदा अधिसूचना के अनुसार, फिटनेस प्रमाण पत्र का नवीनीकरण कमर्सियल व्हीकल के लिए दो साल और पुराने कमर्सियल व्हीकल के लिए आठ साल तक के लिए मान्य होगा।
आपको याद होगा कि पिछले साल, मंत्रालय ने कहा था कि विशेष प्रयोजन वाहनों, राज्य सरकारों, कंपनियों, संघों और व्यक्तियों के निकाय जैसी संस्थाओं को व्यक्तिगत और परिवहन दोनों वाहनों की फिटनेस के परीक्षण के लिए ATS खोलने की अनुमति दी जा सकती है।
निजी वाहन (गैर-परिवहन) के लिए फिटनेस टेस्टिंग रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण के समय 15 वर्ष के बाद किया जाता है।